नागपुर: आरएसएस के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा समारोह को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, डॉक्टर हेडगेवार को अपने लिए कुछ भी करने की जरूरत नहीं था। वो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी रहे और जेल गए साथ ही समाज सुधारकों के साथ भी रहे।
भागवत बोले, इस राष्ट्र को अनेक महापुरुषों ने खड़ा किया है। इसके लिए पसीना बहाया है। उन्होंने कहा कि मत अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सभी भारत माता की संतान हैं। विविधता को स्वीकार करना अच्छी बात है।
उन्होंने कहा, हम सब भारतीय हैं और सभी को इसकी सेवा करना चाहिए। सभी अपनी क्षमता के अनुसार करते भी हैं। एकता में विविधता ही भारत की पहचान है।
पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर हुए विवाद के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि यह ‘ निरर्थक ’ बहस है और उनके संगठन के लिए कोई भी बाहरी नहीं है। मुखर्जी के भाषण के मद्देनजर भागवत ने कहा कि कार्यक्रम के बाद मुखर्जी वही बने रहेंगे जो वह हैं और संघ भी वही बना रहेगा जो वह है।
भागवत ने कहा कि उनका संगठन पूरे समाज को एकजुट करना चाहता है और उसके लिए कोई भी बाहरी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास अलग-अलग विचार हो सकते हैं लेकिन वे सभी भारत माता के बच्चे हैं।
आज के कार्यक्रम में शामिल लोगों में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के रिश्तेदार अर्द्धेन्दु बोस अपनी पत्नी और बेटे के साथ मौजूद थे। इससे पूर्व मुखर्जी आज यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक सरसंघचालक केशव बलिराम हेडगेवार की जन्मस्थली पर गये और उन्होंने उन्हें भारत माता का महान सपूत बताया।
मुखर्जी ने यहां आरएसएस मुख्यालय में अपने बहुप्रतीक्षित भाषण से पहले हेडगेवार की जन्मस्थली पर आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘आज मैं भारत माता के महान सपूत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं।’