Published On : Sun, Nov 25th, 2018

राम मंदिर के लिए एक वर्ष पहले धैर्य रखने को कहाँ था लेकिन अब जनजागरण कर सरकार पर दबाव लाना पड़ेगा – भागवत

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नागपुर – विश्व हिंदू परिषद की हुँकार सभा के माध्यम से संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने सरकार को हर हाल में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करने की चेतावनी दी है। नागपुर में आयोजित सभा के अंतिम समय में कार्यक्रम प्रारूप में बदलाव किया गया जिसमे भागवत ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहाँ राम मंदिर को लेकर हिंदू धैर्य टूट रहा है। एक वर्ष पूर्व मैंने ही जनता से धैर्य रखने को कहाँ था लेकिन अब कह रहा हूँ धैर्य का काम नहीं बड़ा आंदोलन चलना पड़ेगा लोगों बीच जनजागरण करना पड़ेगा। अब लड़ने समय नहीं अड़ने का है। सरकार अपने हिसाब से काम करती है लेकिन बहुत से काम जनता दबाव से हो जाते है इससे बल मिलता है। संपूर्ण भारत वर्ष को राम मंदिर के लिए खड़ा करना है। 80 के दशक से मंदिर निर्माण का प्रयास हो रहा है मंदिर उन्ही के हाँथो से बने जिन्होंने इसके लिए प्रयास किया। मै पहली बार 1987 में मंदिर निर्माण की पहली सभा में गया था आज 30 वर्ष हो गए उसी माँग के लिए फिर सभा में आया हूँ। लोग सवाल उठाते है कि ये क्या माँग कर रहे है। देश स्वतंत्र है हम अपने मालिक है। हमने अपनी चीजें बनाई। सोमनाथ मंदिर बनाया। मंदिर का विरोध करने वाले मुद्दे को भटकते है। बाबर को मुसलमान से जोड़ते है। बाबर अपने देश का नहीं था आक्रमणकारी था। राम देश के है जो उन्हें भगवान मानते है वो पूजते है जो नहीं मानते वो उन्हें देश की मर्यादा का प्रतिक मानते है। अगर उनका मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा हम 30 वर्षो से प्रयास कर रहे है। तत्कालीन संघ प्रमुख रज्जु भईया ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को जन भावना से अवगत कराया था। साक्ष्य सार्वजनिक है विवादित ढाँचे के नीचे मंदिर था। कानून अपने मन से चलता है। सत्य और न्याय को टालते चले गए और अब भी टाला जा रहा है। निर्णय आया की वहाँ मंदिर था। संदेह तब हुआ जब एक बेंच बनाई गई। जमीन पर मिल्कियत किसकी है इस पर निर्णय आएगा नहीं। जगह का कोई झगड़ा ही नहीं है। जो जगह हिंदू कि है वहाँ उसके भगवान का निवास नहीं इससे हिंदू दुखी है। डॉ राम मनोहर लोहिया ने अपनी किताब राम-कृष्ण और शिव में व्याख्या की है बताया है भगवान राम,कृष्ण जोड़ने वाले है शिव सबके अन्तः में बसते है। सरकार क़ानून बनाये इसे कैसे बना सकते है यह वो सोचे। विहिप की इस हुँकार सभा में हजारों लोग मौजूद रहे। मैदान में मौजूद लोग भगवा ध्वज लहराते हुए कसम राम की खाते है मंदिर वही बनायेगे जैसे नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती,देवी ऋतम्भरा,देवनाथ मठ के जीतेन्द्रनाथ महाराज के साथ देश भर से कई साधु संत,समाज के प्रतिष्ठित लोग,जनप्रतिनधि उपस्थित थे।

सरकार कानून लाये,ये पास हो या गिर जाये सरकार आप की ही बनेगी -वासुदेवानंद सरस्वती

विहिप की हुँकार सभा में बोलते हुए शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती कहाँ कि प्रधानमंत्री संसद का संयुक्त सत्र बुलाये। चुनाव कि प्रतीक्षा न करे अगर अध्यादेश पास हो जाता है तो मंदिर बनेगा गिर गया तो उन लोगों के चहरे बेनकाब होंगे जो इसके विरोध में है। दोनों की हालातों में सरकार आप की ही बनेगी। लोग कहते है मंदिर कहीं और बना ले पर मंदिर जन्मभूमि। राम के लाखों मंदिर देश में होंगे लेकिन जन्मभूमि मंदिर एक सकता है वो भी जन्मभूमि के स्थान पर ही। अगर समय पर न्यायालय का निर्णय हो जाता तो ढांचा न टूटता अब फिर देरी हो रही है न जाने क्या होगा। इलाहबाद का नाम बदल दिया तो हो हल्ला मचा है। आक्रमणकारियों द्वारा जगहों के नाम बदले गए है।मै प्रधानमंत्री से माँग करता हूँ जिन नामों को बदला गया है वो उन्हें प्राचीन नाम दे। देश की राजधानी का नाम दिल्ली से बदलकर इंद्रप्रस्थ करें। भारत में भारतीयता दिखानी चाहिए। मंदिर के लिए सरकार क़ानून लाये।

मोदी जी राम लाला को टाट से निकालकर ठाठ के मंदिर में बैठा दो आप कालजयी हो जाओगे -देवी ऋतंभरा

साध्वी ऋतम्भरा ने सीधे प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहाँ की ठंड के मौसम में राम लाला ठिठुर रहे है। आप उन्हें टाट से निकालकर ठाठ के मंदिर में बैठा दो आप कालजयी हो जाओगे। घर का बुजुर्ग अगर कुछ कहता है तो वह आज्ञा होती है। संघ प्रमुख ने आप को आदेश दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत मंदिर की जगह समलैंगिकता को प्राथमिकता देती है इससे बड़ा अपमान हिन्दुओ का नहीं हो सकता। कानून बनाकर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाये। कई लोगो ने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी है। सभी हिंदू कार सेवा के लिए तैयार रहे अगर आवश्यकता पड़े तो सरयू के जन को अपने रक्त से लाल कर दे। सरकार देश की व्यवस्था का हिस्सा है जब तक बच्चा रोता नहीं माँ भी दूध नहीं पिलाती। सरसंघचालक ने आज्ञा दे दी है। हिन्दुओ की कमजोरी जातिवाद है। पार्टीबाजी में हम बंट गए है। राम दीन दलितों के भगवान है। मंदिर का विरोध जितना मुसलमान नहीं करता उतना हिंदू करते है। हमारी एक ही जाति है हिंदू जाति।

अब याचना नहीं रण होगा -जितेन्द्रनाथ महाराज

जितेन्द्रनाथ महाराज ने कहाँ कि अब मंदिर निर्माण के लिए याचना नहीं रण होगा। 26 वर्षो से हम हिंदू अपने मकानों में रह रहे है और हमारे राम ठंड में ठिठुर रहे है धूप में जल रहे है बारिश में भींग रहे है। अदालत से देरी हो रही है। कोर्ट के लिए देश है या देश के लिए कोर्ट समलैंगिकता,शबरीमला,महिलाओं के विवाहेत्तर संबंध अदालत की प्राथमिकता में है करोड़ो जनता की भावना नहीं। राम मंदिर जन्मभूमि पर ही बनेगा सरकार इसके लिए व्यवस्था करे।

राम मंदिर पर मायावी शक्तिया खेल,खेल रही रही है – अलोक कुमार

राम मंदिर को लेकर पहला मुकदमा 1950 में दाखिल हुआ था आज 68 वर्ष हो गए फैसला नहीं आया। इलाहबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहाँ मंदिर था। मामला सुप्रीम कोर्ट में आया तो लगा जल्द फैसला होगा। सितंबर में फैसला आने की उम्मीद थी लेकिन अदालत ने कहाँ कि यह विषय हमारी पप्राथमिकता में नहीं है। न्याय में जान बूझकर देरी हो रही है। कुछ मायावी शक्तियां खेल खेल रही है। देश के बड़े वकील है जो कांग्रेस के नेता भी है उन्होंने मै में सुनवाई करने के लिए कहाँ है। मुद्दे को भटकाया जा रहा है। कोई अन्य बहाना बनाकर सर्वोच्च अदालत के चार वकीलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की खेल में समय निकल गया। विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष के अनुसार इस मुद्दे को जानबूझकर उलझाया जा रहा है। राम मंदिर जन्मभूमि दो मुकदमे चल रहे है। 29 अक्टूबर को सुनवाई हुई और इसे जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर हमें भरोषा है लेकिन सुनवाई होगी कब इस पर भरोषा नहीं। यही सरकार कई मसलों पर देश की सर्वोच्च अदालत के फ़ैसले को बदल चुकी है। एससी-एसटी एक्ट पर ऐसा ही हुआ था। पूर्व में भी ऐसा कई बार हो चुका है। सरकार इस पर अध्यादेश लाये। अन्य दलों से लोग इसके समर्थन में आयेगे। बड़े बहुमत से क़ानून पास होगा। विहिप देश की 543 संसदीय सीट पर सभा लेगी और हर सांसद को क़ानून के पक्ष में वोट डालने की अपील करेगी।