Published On : Thu, Apr 23rd, 2020

क्वारंटाइन महिला के साथ बदसलूकी,मामला दबा रहे मनपा स्वास्थ्य अधिकारी

Advertisement

– मनपायुक्त मुंढे के नाक के नीचे चल रही लापरवाही

नागपुर– पिछले सप्ताह स्मार्ट सिटी की पुनर्वसन अधिकारी ने मनपायुक्त व स्मार्ट सिटी अधिकारी,उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी,मानव संसाधन अधिकारी व मनपा स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) को पत्र लिख जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक (इंफ़्रा) द्वारा मानसिक रूप से परेशान और अपमानित भी किया जा रहा। इसलिए उन्हें ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अनुमति दी जाए। इस महिला कर्मी के निवेदन को कोरोना विषय को लेकर प्रतिनियुक्ति पर लाये गए अधिकारी ने फिलहाल कचरे की टोकरी में डाल दिया हैं।

कल नागपुर टुडे प्रतिनिधि ने उक्त अधिकारी से प्रत्यक्ष मुलाकात की और उन्हें उक्त महिला अधिकारी के संबंध में हो रहे मामले पर खुलासा करने की मांग की तो उन्होंने इस विषय से अनभिज्ञता दर्शाई और खुद को व्यस्त दर्शाते हुए जवाब देने में आनाकानी करने लगे जब इस मसले के तह में गए तो जानकारी मिली कि स्मार्ट सिटी से यह मसला स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) के पास भी अंतिम निर्णय लेने हेतु प्रस्ताव गई थी,क्योंकि यह मामला मेडिसिन से संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी के हद्द में था,इसलिए स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) ने उक्त मामले को स्वास्थ्य अधिकारी मेडिसिन गवई के पास उसी दिन भेज दिया था। अर्थात यह मामला को दबाया जा रहा। जबकि रोजाना विभिन्न माध्यमों से मनपायुक्त रोजाना कोरोना से बचने के लिए तरह तरह के कारगर उपाययोजना की जानकारी दे रहे तो दूसरी ओर उनके ही कक्ष के ऊपरी मंजिलों में नियमों की अवहेलना की जा रही।

उक्त त्रस्त महिला अधिकारी ने वर्तमान में स्मार्ट सिटी के प्रभारी व मनपा आयुक्त को भी पत्र लिख न्याय की गुहार की थी। इस महिला अधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी कि उन्हें 19 मार्च 2020 से 28 दिनों के लिए ‘होम क्वारंटाइन’ किया गया था। इनकी नियुक्ति 7 जनवरी 2020 को हुई,इन्हें महाप्रबंधक इंफ़्रा द्वारा ‘पेंडिंग वर्क’ को पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ ही महाप्रबंधक इंफ़्रा व महाप्रबंधक मोबिलिटी द्वारा सहयोग नहीं मिल रहा। उलट दोनों अड़चन निर्माण कर रहे।

मैं ‘होम क्वारंटाइन’ होने के कारण मुझे उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ हेतु अनुमति दी इसके बावजूद महाप्रबंधक इंफ़्रा द्वारा परेशान किया जा रहा। ‘वर्क फ्रॉम होम’ के हिसाब से मैंने कुछ फाइल अपने घर बुलवाई लेकिन घिये ने उन फाइलों को वापिस मंगवा लिया। इतना ही नहीं घिये ने 9 अप्रैल 2020 को स्मार्ट सिटी की बैठक में भी जबरन आने का आदेश दिया,जबकि ‘होम क्वारंटाइन’ होने के कारण घर से ही काम करने का निर्देश वरिष्ठ अधिकारी ने दिया था।

घिये ने मेरे ‘होम क्वारंटाइन’ रहते हुए मेरे कार्यालय के अलमारी से सभी फाइल निकाल कर अपने कब्जे में रख लिया।सवाल यह हैं कि गर कोई फाइल घूम हुई तो किसी जिम्मेदारी रहेंगी। 9 अप्रैल 2020 की बैठक के बाद घिये ने अपने कक्ष में मुझे बुलाया और उलट-पुलट सवाल करने के अंत में कहा कि एक महीने बाद आपका चेहरा देख रहा हूँ। इस महिला अधिकारी ने मांग की कि उनका स्वास्थ्य पूर्णतः ठीक नहीं हुआ, इसलिए उन्हें घर से ही काम करने दूय जाए। बारंबार कार्यालय न बुलाया जाए।’होम क्वारंटाइन’ होने के बाद घर से बाहर जाना गैरकानूनी हैं।

उल्लेखनीय यह हैं कि ‘होम क्वारंटाइन’ मरीज को सार्वजनिक स्थल या कार्यालय में बुलाने पर सजा मुकर्रर की गई हैं। इसके साथ ही यह भी जांचना होंगा कि उक्त ‘होम क्वारंटाइन’ महिला अधिकारी किस किस के संपर्क में आई। उक्त मामलात की गंभीरता को देखते हुए नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा जल्द ही एक शिष्टमंडल मनपा में महिला क्वारंटाइन अधिकारी के साथ हो रहे और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई हेतु जिलाधिकारी,विभागीय आयुक्त और पालकमंत्री से मुलाकात कर गुहार लगाएगा।