Published On : Sat, Jun 19th, 2021

वेकोलि खदानों से सम्बंधित पुनर्वसन मामलों पर हुई बैठक

– HMS नेता यादव ने किसानों के मुद्दे उठाए तो राज्य के मंत्री ने जल्द से जल्द पारशिवनी तहसील के खदान क्षेत्रों से सम्बंधित पुनर्वसन मामलों का निपटारा करने के लिए गुजारिश की

नागपुर – शुक्रवार को राज्य के मंत्री सुनील केदार ने कई अहम मुद्दों को लेकर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी मनोज कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक डब्ल्यूसीएल मुख्यालय में हुई। बैठक में प्रमुखता से वेकोलि के अध्यक्ष सह प्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, जेबीसीसीआई सदस्य शिवकुमार यादव सह रामटेक के विधायक और जिलापरिषद अध्यक्षा रश्मि बर्वे भी उपस्थित थी.

Gold Rate
18 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,100 /-
Gold 22 KT ₹ 93,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,15,400/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मालूम हो कि राज्य के मंत्री ने वेकोली प्रशासन को पार्श्ववानी तालुका के गोंडेगांव, टेकाडी, जूनी कामठी, घाटरोहना और वरदा में पुनर्वास समस्याओं का तुरंत समाधान करने की गुजारिश की.

बैठक के प्रारंभ में मंत्री ने गोंडेगांव व टेकड़ी के लंबित पुनर्वास मुद्दों पर चर्चा करते हुए वेकोली प्रशासन व राजस्व विभाग को पट्टों के आवंटन व अन्य मुद्दों का समाधान करने के निर्देश दिए.इस बैठक में CSR FUND के खर्च के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेने की गुजारिश की गई.

वेकोलि प्रबंधन को राजस्व विभाग को उन आम नागरिकों के घरों को स्वीकृत करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जिनके घरों को सीएसआर फंड से पुनर्वासित किया गया है और उनके रोजगार और स्वरोजगार के लिए महाराष्ट्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है।

जनहितार्थ वेकोली और राजस्व विभाग को तुरंत उचित उपाय करना चाहिए और तुरंत गांव को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत करनी चाहिए.अतिक्रमण धारकों की उचित योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्हें पट्टों के आवंटन का प्रस्ताव वेकोली प्रशासन को सौंपने का निर्देश दिया गया . यह भी सुझाव दिया गया कि वेकोली खदानों में जाने वाले सभी भूमिपुत्रों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध करायें और पुनर्वासित गांवों में उचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायें.

JBCCI सदस्य यादव ने किसानों के मुद्दे का उठाते हुए कहा कि वर्ष 2012 से महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा भूमि का मुआवजा क्रमशः 6 लाख, 8 लाख एवं 10 लाख प्रति एकड़ दिया जा रहा है। यह नियम महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012 में लागू किया गया था। 10 साल से इसी दर पर मुआवजा दिया जा रहा है जबकि इन वर्षों में भूमि का बाजार मूल्य कई गुना बढ़ा है। वहीं RFCTLARR (Amendment) एक्ट 2015 के अनुसार भूमि अधिग्रहण पश्चात मुआवजा एवं रोजगार में कई अड़चनें आती हैं, जिससे अधिग्रहण पश्चात भी अधिग्रहित भूमि का कब्जा लेने में कंपनी को वर्षों मशक्कत करनी पड़ती है और परियोजना में अनावश्यक देरी के साथ-साथ किसानों को भी आर्थिक क्षति होती है। किसानों को अधिग्रहित भूमि के बदले क्रमशः 10 लाख, 15 लाख एवं 20 लाख प्रति एकड़ से मुआवजा मिलना चाहिए। यादव ने मंत्री से इस विषय का कैबिनेट में रखने की मांग की। मंत्री ने इस मुद्दे को कैबिनेट मीटिंग में रखकर उचित न्याय दिलाने हेतु आश्वस्त किया।

यादव ने दूसरा अहम मुद्दा उठाया कि एक ही परिवार के तीन भाइयों के नाम पर एक ही भूमि को अलग-अलग खरीदी गई या एक ही भूमि का अलग-अलग बंटवारा किया गया है और सातबारह (खसरा) में तीनों का नाम एक साथ आ रहा है। तीनों के नाम के सामने तीनों की भूमि का अलग-अलग रकबा भी दर्ज आता है, किंतु ऐसे प्रकरणों में वेकोलि भूमि का मुआवजा तो तीनों भाइयों को अलग-अलग देती है पर भूमि के बदले रोजगार केवल किसी एक को ही दिया जाता है। जिसके कारण किसान परिवार में आपसी विवाद बढ़ रहे हैं। शिवकुमार ने मंत्री से आग्रह किया कि इस तरह की तकनीकी खामियों को दूरकर जिन भाइयों की रजिस्ट्री या बँटवारा अलग-अलग है उनका सात बारह भी अलग-अलग होना चाहिए। उक्त मुद्दे को ध्यानपूर्वक समझते हुए सुनील बाबू केदार ने महाराष्ट्र राज्य में विस्तारित वेकोलि क्षेत्र अंतर्गत संबंधित जिला कलेक्टर से मीटिंग कर जल्द से जल्द खामियों को दूर कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

उक्त बैठक में डॉ. संजय कुमार (वेकोलि निदेशक कार्मिक), अतिरिक्त्त जिला कलेक्टर, जिला परिषद CEO, सावनेर SDO, सावनेर तहसीलदार, रामटेक SDO, पाराशिवनी तहसीलदार एवं संबंधित प्रशासनिक व वेकोलि अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

Advertisement
Advertisement