Published On : Mon, Sep 17th, 2018

विदेश यात्रा कांड : विपक्ष नेताओं ने मांगा मेयर का इस्तीफा

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नागपुर: अपने अमेरिकी दौरे पर अपने बेटे को निजी सचिव बताकर साथ ले जाना महापौर नंदा जिचकार को महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. नागपुर मनपा में विरोधी दल ने महापौर की इस पालिका को शर्मसार करनेवाली हरकत को लेकर उन्हें निलंबित करने की मांग की है. निलंबन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी हस्तक्षेप कर जिचकार की जगह नया महापौर नियुक्त करने की मांग की गई है.

गौरतलब है कि नागपुर टुडे ने ही सबसे पहले यह सार्वजनिक किया था कि महापौर फिर विदेश के दौरे की तैयारी कर रही हैं. नागपुर टुडे ने इसके साथ ही विदेश दौरे के परिणामों को भी सार्वजनिक न किए जाने का सवाल उठाया था, जो अब तक मनपा द्वारा अनसुलझा ही बना हुआ है. बहरहाल, ताजा मामले ने एक बार फिर मनपा में बड़े पैमाने पर हो रहे पद के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर दिये हैं। आलम ये है कि इस घटना पर मनपा के प्रशासकीय अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।

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नागपुर टुडे ने जब इस मामले पर मनपा कमिश्नर का प्रभार संभाल रहे एडिशनल कमिश्नर रविन्द्र ठाकरे से बात की तो उन्होने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होने नागपुर टुडे को बताया कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता इसलिए इस पर मनपा का सदन ही फैसला लेगा।

अधिकारियों की भूमिका संदिघ
हालांकि इस मामले से मनपा के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। सूत्र बताते हैं कि अपने पुत्र को निजी सहायक दर्शाने के लिए महापौर ने संबंधित कागजात भी फर्जी बनवाए होंगे। मनपा के लेटरहेड पर उक्त कागजी प्रक्रिया पूर्ण की गई होगी जिस पर मनपा के आला अधिकारी की सहमति के साथ उनका हस्ताक्षर होना तय है। इसी आधार पर यूएस वीसा मिला होगा ऐसा जानकर बता रहे हैं या फिर महापौर कार्यालय से चुपचाप कागजात भेज कर सम्बंधित आयोजक से वीसा की प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई हो. सूत्र बताते हैं कि महापौर पुत्र के विदेश दौरे पर जाने के पूर्व शहर में कुछ जगह विशिष्ट लोगों को पार्टी तक दी गई थी।

सत्ताधारी नेताओं की चुप्पी
उधर खुद की फजीहत होते देखकर भाजपा के शहर अध्यक्ष सुधाकर कोहले और मनपा सत्ता पक्ष के नेता संदीप जोशी ने मेयर के इस कृत्य से किनारा करते हुए इसे गलत ठहराया है। नागपुर टुडे ने जब जोशी से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होने किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया।

विपक्ष की आवाज़ बुलंद
दूसरी ओर जब नागपुर टुडे ने शहर काँग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर विकास ठाकरे से बात की तो उन्होने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेयर के ऐसे मामले में लिप्त पाए जाने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नागपुर समेत पूरे भारत की छवि धूमिल की गयी है। उन्होने कहा, “इस मामले से नागपुर की नाक कट गयी है क्योंकि ये शहर के प्रथम नागरिक से जुड़ा मामला है। वैसे मैं मेयर को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ। वे एक सम्माननीय परिवार से हैं और बेहद स्वाभिमानी हैं। मैं समझता हूँ कि इससे पहले कि भाजपा उनसे इस्तीफे की मांग करे, वे स्वयं इस्तीफा दे देंगी।

कारनामों का पुलिंदा
मनपा के जानकारों के हिसाब से नागपुर महानगरपालिका स्थापना के बाद से अबतक की सबसे लापरवाह महापौर साबित हुई। यह पद भी महापौर को उनके रिश्तेदार द्वारा भाजपा नेता के साथ किए गए वफादारी का तोहफा बतलाया जा रहा है । पति शरद जिचकर एकमात्र विभागीय परिवहन अधिकारी हैं,जिन्होंने जब तक पद पर रहे अपने मनमर्जी से विभाग का संचालन करते रहे,जब सेवानिवृत्त का वक़्त आया तो अपने आका के पास अंतिम पदोन्नत के लिए शिफारिश की तो परिवहन आयुक्त ने कहा था कि इन्हें पदोन्नत की जगह निलंबित की जाए।क्यूंकि इनके कार्यकाल में लार्निंग लाइसेंस का बड़ा घोटाला हुआ था। महापौर के भाई भी मनपा मुख्यालय में अपने कारनामों के लिए महापौर कक्ष में काफी चर्चित है,इसकी जानकारी महापौर को भी है।

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