नागपुर – नागपुर में मेडिकल हॉस्पिटल और मेयो हॉस्पिटल में हमेशा ही दवाइयों की किल्लत होती है. इस समस्या पर अब सेंट्रल महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स ( मार्ड ) ने सरकार को घेरने की तैयारी की है. मार्ड ने मुख्यमंत्री को 15 मांगो का पत्र दिया है. साथ ही 20 दिसंबर तक मांगे नहीं मानने पर रास्ता रोको करने की चेतावनी भी दी है.
सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष लोकेश कुमार चिरवटकर, सचिव विनय बजाज ने और अन्य डॉक्टरों ने यह पत्र भेजा है. राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजो में दवाईयों की मांग और पूर्ति में फरक होता है. जिसके कारण अनेक बार समस्या भी निर्माण हो जाती है. जिसके कारण राज्यस्तरीय ऑडिट समिति गठित कर रिपोर्ट हर छह महीने में सरकार की वेबसाइट पर डाली जाए.
मुंबई के जे. जे और औरंगाबाद मेडिकल कॉलेज के निवासी डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई थी. हॉस्पिटल में आनेवाले रिश्तेदारों के लिए पास सुविधा डेढ़ साल पहले नागपुर , यवतमाल और अकोला में लागु करने में असफलता मिल चुकी है. अलार्म सिस्टम जे. जे., अकोला, मेडिकल, मेयो और लातूर में शुरू नहीं की गई है.
पत्र में यह भी बताया गया है कि इस सभी बातों की जांच करने एक स्वतंत्र व्यवस्था होनी चाहिए. लेकिन कई जगहों पर सुविधा नहीं है. इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है. साथ ही स्टायफंड में 15 हजार रुपए करने की मांग भी इस पत्र में की गई है.