Published On : Mon, Jul 8th, 2019

कई स्कूलों में नहीं है मान्यताप्राप्त प्रिंसिपल, मुफ्त शिक्षा के अधिकार का हो रहा है उल्लंघन

Advertisement

नागपुर : आरटीई एक्शन कमिटी की बैठक चेयरमैन शाहिद शरीफ़ की उपस्थिति में वर्किंग कमिटी के साथ ली गई. बैठक में स्कूलों द्वारा शिक्षक के अधिनियम महाराष्ट्र स्कूल प्राइवेट एम्पलॉयमेंट एक्ट 1977 के तहत प्रिंसिपल को शिक्षण अधिकारी प्राथमिक से अप्रूवल लेना पड़ता है. लेकिन अधिकांश स्कूलों द्वारा अप्रूवल लिया नहीं जाता, पैसे बचाने के चक्कर में समय पर स्कूल वाले हस्ताक्षर करके आरटीई का रीएम्बर्समेंट उठा लेते हैं और वास्तव में पढ़ाने वाला शिक्षक कोई और होता है.

यह गोरखधंधा जोरों से फल फूल रहा है क्योंकि मिनिमन वेजेस के अनुसार निजी स्कूलों में प्रिंसिपल का वेतन 30 हज़ार रुपये होना चाहिए. लेकिन पैसे बचाने के चक्कर में शिक्षणअधिकारी के कार्यालय से अप्रूवल कराते ही नहीं है. जब इस विषय में शिक्षाअधिकारी कार्यालय के सर्वशिक्षा अभियान के अधिकारी प्राथमिक विभाग से संपर्क किया गया तो उनकी ग़ैर ज़िम्मेदाराना जवाब देकर अपने हाथ खड़े कर दिए. कई स्कूलों ने सेल्फ डिक्लेरेशन धारा 18 (1) के अनुसार दिया ही नहीं है. जानकारी के अनुसार मान्यता प्राप्त प्रिंसिपल ही आरटीई का निधि विथड्रॉवल कर सकता है. इसमें भी नियम की अनदेखी हो रही है.

Gold Rate
02 july 2025
Gold 24 KT 97,500 /-
Gold 22 KT 90,700 /-
Silver/Kg 1,06,600/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

शरीफ ने बताया कि केंद्र सरकार के मुफ़्त शिक्षा के अधिकार की अनुदान राशि 65 % प्रतिशत का उल्लंघन राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन शिक्षण विभाग से किया जा रहा है. पालक 50 रुपये देकर पीटीए के मेंबर बनने, स्कूलों द्वारा वर्तमान में ही पीटीए स्थापित कर ली गई है.

जो के नियम का उल्लंघन है. इसी प्रकार स्कुल बैग के वजन को कम करने के अधिनियम को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है. स्कूलें इस पर भी आंदोलन छेड़ेगी. आरटीई एक्शन कमिटी आज अंतिम दिन नागपुर ज़िले में आरटीई की 1700 सीटें रिक्त है इसे तीसरे राउंड में पूरा किया जाएगा.

Advertisement
Advertisement