जेई से लेकर आयुक्त तक भीड़ गए प्रस्तावित विकास कार्यों पर कैंची चलाने में
नागपुर – वर्ष 2019-20 का मनपा का आर्थिक बजट वर्तमान स्थाई समिति सभापति प्रदीप पोहाने ने पेश किया,जिसका रिवाइज बजट सह आगामी वर्ष 2020-21 का प्रस्तावित आयुक्त का बजट का काम पिछले कुछ दिनों से शुरू हो गया,इसके लिए आयुक्त से लेकर जेई तक भीड़ गए हैं।पोहाने के बजट में संभवतः 30% की कटौती किये जाने की जानकारी मिली हैं। वहीं आयुक्त का प्रस्तावित बजट 1700 करोड़ के आसपास रहने की संभावना हैं।
इन दिनों मनपा के अमूमन सभी जेई न तो विकासकार्य की ओर झांक रहे और न ही किसी का कॉल अटेंड कर रहे। चुनिंदा अधिकारी सह पदाधिकारियों के कॉल या निर्देशों को तहरिज दे रहे। कारण साफ हैं कि अमूमन सभी जेई रिवाइज बजट सह प्रस्तावित आयुक्त के बजट में कैंची चलाने में व्यस्त बताए जा रहे।
इस कटौती कार्यक्रम में दिग्गज नगरसेवक-पदाधिकारी के प्रस्ताव बचा लिए जाएंगे और शेष के भले ही जरूरत के प्रस्ताव क्यों न हो रिवाइज के नाम पर काट दिए जाएंगे।
वैसे भी मनपा के कुल जेई में से उंगलियों पर गिनने लायक जेई ही फिल्ड पर जाते और विकासकार्यो की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं। ठेकेदारों से अपना शेयर लेकर उनकी मनमानी की छूट देते रहे हैं। नगरसेवकों को भी इस प्रथा की आदत हो गई,वे भी अपनी चुप्पी साधे रखने में अपनी भलाई समझते हैं। यहाँ तक कि बढ़ते कामों के मद्देनजर मनपा जेई में से कुछ में निजी स्तर पर सहायक रख लिए हैं। उन्हें काम के हिसाब से दाम देते हैं, यह दाम ठेकेदारों से वसूले जाते हैं।
मनपा में कुछ जेई ऐसे भी हैं जो पदाधिकारियों के इशारों पर ठेकेदारों के काम पूर्ण होने के बावजूद आज तक उनके बिल तैयार नहीं किये,ऐसे मामले सतरंजी पूरा और गांधीबाग ज़ोन में ज्यादा हैं।
उल्लेखनीय यह हैं कि आयुक्त के प्रस्तावित बजट भी जीएसटी अनुदान और संपत्ति कर की वर्तमान वसूली के साए में होंगा। क्योंकि खुद की आय बढ़ाने मामले में आयुक्त की सक्रियता वैसी नहीं दिखी,जैसी मनपा को वर्तमान में आय की जरूरत हैं।