मुंबई: लंबे समय से महाराष्ट्र कांग्रेस में शामिल और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश कमिटी के अध्यक्ष कैलाश पाटिल से जुड़ी एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। कुछ समय पहले हुए पालघर लोकसभा उपचुनाव में पाटिल का घर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। यह जानकारी सामने आने से राज्य कांग्रेस में पड़ रही दरार खुलकर सामने आने लगी है।
पाटिल ने इस बात को माना है कि उनके घर को बीजेपी के अभियान के मुख्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया गया। हालांकि, उन्होंने यह साफ करने की कोशिश की कि वह अभी भी कांग्रेस के साथ हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अल्टिमेटम भी दे डाला।
‘फडणवीस ने दिया है सम्मान का भरोसा’
पाटिल ने कहा है, ‘मैं अभी कांग्रेस के साथ हूं लेकिन अगर हमसे किए गए वादों को सम्मान नहीं किया जाता, मैं और कई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।’ उनके मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें और अन्य कार्यकर्ताओं को बीजेपी में सम्मान दिए जाने का भरोसा दिलाया है।
पार्टी ने नहीं दिया हक
कांग्रेस नेता ने बताया कि पार्टी ने उनके जैसे कार्यकर्ताओं को उनका हक नहीं दिया है। उन्होंने बताया, ‘जब लोग वसई और विरार में (विरार विधायक और बहुजन विकास अगाड़ी के अध्यक्ष) हितेंद्र ठाकुर के डर से कांग्रेस के झंडे लगाने से डरते थे, तब हमने पार्टी के लिए किला संभाला। फिर भी हमें पार्टी से कुछ नहीं मिला। अगर प्रतिबद्ध काडर का ध्यान नहीं रखा जाएगा तो बेहतर है कि कहीं और देखा जाए।’
बीजेपी की रही है यह रणनीति
बता दें कि 2019 तक बीजेपी भी दूसरी पार्टियों के प्रमुख कार्यकर्ताओं को अपने साथ शामिल करना चाहती है। पाटिल उन्हीं में से एक हैं। इसी तरह 2014 में अपने पास प्रत्याशी न होने पर बीजेपी ने दूसरी पार्टियों के नेताओं को टिकट दिया था। इस बार दूसरी पार्टियों के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पार्टी की नजर है क्योंकि वे पार्टी की रीढ़ का काम करते हैं।