Published On : Thu, Mar 2nd, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

कस्बा पेठ में कांग्रेस उम्मीदवार को मिली जीत, 28 साल बाद हारी भाजपा

Maharashtra Byelection: महाराष्ट्र उपचुनाव में कस्बा पेठ विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर को बड़ी जीत मिली है. 28 साल बाद ये सीट कांग्रेस ने छीन ली है. आइए कस्बा पेठ में बीजेपी-शिंदे गठबंधन की हार के कारण के बारे में जानते हैं.
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महाराष्ट्र उपचुनाव में बीजेपी-शिंदे गठबंधन को झटका लगा है. पुणे की कस्बा पेठ विधानसभा सीट पर बीजेपी-शिंदे गठबंधन हार गया है. 28 साल बाद ये सीट कांग्रेस ने छीनी है. कांग्रेस के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर को जीत मिली है. कांग्रेस कैंडिडेट रवींद्र धंगेकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 10 हजार 950 वोटों के अंतर से हरा दिया है. बताया जा रहा है कि कस्बा पेठ सीट पर बीजेपी (BJP) के परंपरागत ब्राम्हण मतदाता उससे नाराज थे क्योंकि, बीजेपी ने इस सीट से ब्राम्हण उम्मीदवार नहीं उतारा था. इस सीट से बीजेपी की दिवंगत विधायक मुक्ता तिलक ब्राह्मण समाज से थीं. मुक्ता तिलक के पहले गिरीश बापट यहां से विधायक थे जो ब्राह्मण समाज से हैं.

ब्राह्मण वोटर्स की नाराजगी पड़ी भारी!

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बता दें कि कस्बा पेठ विधानसभा सीट पर करीब 36 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं, जिन्हे बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. मुक्ता तिलक के निधन के बाद जब मुक्ता के परिवार के किसी सदस्य को इस सीट से टिकट नहीं मिला तब पुणे में कई जगहों पर ऐसे बोर्ड दिखाई दिए कि ब्राह्मण समाज के साथ नाइंसाफी की जा रही है.

महाविकास आघाड़ी की रणनीति

गौरतलब है कि उपचुनाव में महाविकास आघाड़ी ने रवींद्र धंगेकर के रूप में कस्बा पेठ सीट पर तगड़ा उम्मीदवार उतारा. पार्टी के अलावा रवींद्र धंगेकर का खुदा का बड़ा जनाधार है. रवींद्र पिछले 30 वर्षों से सामाजिक जीवन में हैं. ऐसा कहा जाता है कि रात दो बजे भी मदद के लिए किसी का फोन आ जाए तो रवींद्र खुद उसकी मदद के लिए पहुंच जाते हैं. रविंद्र के इसी स्वभाव की वजह से कस्बा में उनका जनसंपर्क बहुत ही अच्छा है.

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