भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय ब्यूरो (SEBI) को अडानी समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है. हालांकि, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में बड़त का रुख देखा जा रहा है. अंडानी एंटरप्राइजेज 0.70 फीसदी की तेजी के साथ 1556.10 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करता हुआ देखा गया है.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि सेबी 2 महीने में तेजी से जांच पूरी करेगा और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगा.
बता दें, इस मामले में पिछले कुछ हफ्तों में सूचीबद्ध अडानी कंपनियों के शेयर मूल्य में गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति के नुकसान से संबंधित हैं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग ने कहा था कि उसने अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन ली थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के रुख पर भी ध्यान दिया जिसने कहा कि वह पहले से ही मौजूदा नियमों के आलोक में हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोपों की जांच कर रहा है.
इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में अब तक चार जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं. वकील एम. एल. शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर किए थे.
‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडानी समूह के खिलाफ कई आरोप लगाए जाने के बाद, समूह के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है. हालांकि, समूह ने उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज किया है.
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी 2023 को यह विश्लेषण करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने का फैसला किया कि क्या भारतीय निवेशकों को उस तरह की बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए नियामक तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है, जो कि अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट 24 जनवरी 2023 को जारी होने के बाद देखा गया था.