Published On : Fri, Apr 14th, 2017

कोराड़ी प्रकल्प : मोदी के 15 मिनट पर महाजेनको ने फूंके करोड़ों

Advertisement


नागपुर: एक ओर देश के ऊर्जावान प्रधानमंत्री देश के घरेलू गैस सिलेंडर के उपभोक्ताओं को ‘सब्सिडी’ छोड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाना नहीं चूकते और दूसरी तरफ उसी प्रधानमंत्री के मिनटों के कार्यक्रम के नाम पर राज्य के ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में महाजेनको ने करोड़ों फूंक प्रधानमंत्री के मनसूबे पर पानी फेर दिया। मोदी के हाथों कोराडी में दो वर्ष पूर्व से उत्पादन कर रहे १९८० मेगावॉट चालू प्रकल्प का पुनः लोकार्पण रिमोट द्वारा किया गया. इसके तुरंत बाद चालू १९८० मेगावॉट प्रकल्प का निरिक्षण अगले १० मिनट में कर मोदी का काफिला अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना हो गया.

आज १४ अप्रैल २०१७ को कोराडी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट परिसर में शुरू १९८० मेगावॉट बिजली उत्पादन प्रकल्प को मोदी के हस्ते देश को अर्पित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में आमंत्रितों को सुबह ८ बजे से बैठाकर रखा.प्रधानमंत्री मोदी सह राज्य के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद,केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी,केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल,केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर व राज्य के ऊर्जामंत्री बावनकुले,रामटेक के सांसद कृपाल तुमाने दोपहर पौने १२ के आसपास मंच पर पहुंचे। मंच पर आसीन होते ही प्रधानमंत्री ने रिमोट द्वारा महाजेनको के उक्त १९८० मेगावॉट ऊर्जा प्रकल्प को देश को समर्पित किया। इसके बाद उक्त परियोजना से सम्बंधित १२ मिनट की तैयार ‘डॉक्यूमेंट्री फिल्म’ को मात्र २ मिनट में दिखाकर,प्रकल्प दौरे पर मोदी और उसके साथ आई टीम चली गई.निरिक्षण दौरा १० मिनट में ख़त्म कर अपने गंतव्य स्थल की ओर मोदी का काफिला चला गया.


महाजेनको के सूत्रों के अनुसार उक्त आयोजन प्रधानमंत्री कार्यालय से भी हो गया होता ,तब महाजेनको का करोडो का खर्च व सप्ताह भर से प्रधानमंत्री दौरे के लिए चल रही दौडम-भाग बच गई होती। कोराडी के नए-पुराने प्रकल्पों की वजह से प्रकल्प के ३ से ५ किलोमीटर का परिसर प्रदूषित हो गया है,प्रकल्प के ऊपर आकाश में बदली छाए रहते है,कभी-कभी इस बदली के नीचे से गुजरने पर बूंदाबांदी का अहसास भी होता है.


इसके पूर्व १९९२ में ऊर्जा निर्मिति केंद्र स्थल चंद्रपुर में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दौरा किया था, उसके बाद आज १४ अप्रैल २०१७ को प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हुआ.

उल्लेखनीय यह है कि महाजेनको जनसंपर्क विभाग के अनुसार महाजेनको के लिए विशेष तौर पर मोदी नहीं आए, नागपुर दौरे पर मोदी आने की भनक लगते ही महाजेनको का दौरा शक्ति-प्रदर्शन के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.


झलकियां
– कार्यक्रम स्थल पर मोदी आये तो हाथ जोड़ते हुए,अगले ४ मिनट तक न मंचासीन अपने साथियों की तरफ देखा और न ही कुछ बोला।सिर्फ गडकरी ने भांडेवाडी में ऊर्जा प्रकल्प की शुरू डाक्यूमेंट्री पर उनका ध्यानाकर्षण करवया तो मोदी ने सर हिलाकर उनकी भावना को मान दिया।
– कार्यक्रम स्थल की सम्पूर्ण व्यवस्था की जिम्मेदारी ‘ईडी एचआर’ विनोद बोंद्रे और मुंबई सह नागपुर के जनसम्पर्क अधिकारी को करनी थी,लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर कार्यक्रम के आयोजकों को ठेंगा दिखाया।इसकी शिकायत ऊर्जामंत्री बावनकुले से की गई तो उन्होंने उच्च अधिकारी थोट्वे को व्यवस्था में खामिया समझने व निराकरण करने का निर्देश दिया लेकिन थोट्वे भी आये और कहाँ गायब हुए समझ नहीं आया.
– कार्यक्रम स्थल में खाकी-खादी के चहेते कार्यकर्ताओं को मोदी दर्शन के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना कर प्रवेश दिलवाया गया था,जो सुबह से ही अगली पंक्ति में जमे हुए थे.
– मोदी दर्शन व उनके शब्द सुनने के लिए काफी सफेदपोश व आम महिलाएं कार्यक्रम स्थल में विराजमान थी,जिन्हें बिन कुछ सम्बोधन किये मोदी के लौट जाने से काफी निराशा हुई.उन्हें मोदी दर्शन के लिए ३ घंटे से अधिक राह तकना पड़ा.
– कोराडी ऊर्जा निर्मिति प्रकल्प के पुराने कई संच पूर्ण बंद तो कई नवीनीकरण-आधुनिकीकरण के लिए बंद और इक्का-दुक्का संच से ऊर्जा निर्मिति हो रही है.

– राजीव रंजन कुशवाहा