नागपुर: सावन मास निमित्त सामूहिक शिवमहापुराण कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का आयोजन गे्रट नाग रोड, अशोक चैक के माता मंदिर में किया गया है. शिवपुराण का सरस रसपान चित्रकूट निवासी श्री बालव्यास योगेश कृष्ण जी महाराज श्रद्वालुओं को करा रहे हैं. कथा के मुख्य यजमान अनुसूया सुंदरलाल रेवाड़िया, जयंती बबनराव रेवाड़िया परिवार हैं.
आज कथा के दूसरे दिवस कथा व्यास महाराश्री ने कहा कि भगवान शिव के चरित्र बड़े ही उदात्त व अनुकंपापूर्ण हैं. वे ज्ञान , वैराग्य व साधुता के परम आदर्श हैं. वे रूद्र हैं तो भोलानाथ भी हैं. दुष्ट दैत्यों के संहार में काल रूप है तो दीन दुखियों की सहायता करने में दयालुता के समुद्र भी हैं. जिसने शिव को प्रसन्न कर लिया उसको मनमाना वरदान प्राप्त हो गया समझो. वे तो इतने दयालु हैं कि रावण तक को प्रसन्न होकर बल प्रदान किया. भस्मासुर को भस्म करने की शक्ति दे डाली. मार्कण्डेय जी को अपना कर यमदूतों को भगा दिया. शिव का त्याग अनुपम है.
उन्होंने आगे कहा कि एक शिव के न जाने कितने ही रूप व नाम हैं और हर नाम की अपनी महिमा है. इनके हर नाम में छिपी है विशेष शक्ति. बस उस नाम का स्मरण भक्ति व श्रद्वा से मानव द्वारा किया जाना चाहिए. यह शक्ति तमाम समस्याओं को नष्ट कर जीवन में सुख का संचार करने वाली है. इसलिए भगवान शिव सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति व संहार के अधिपति हैं. शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्त्रोत हैं और महाकाल हैं.
आज का प्रथत पूजन यजमान परिवार व मोरेश्वर भांडारकर, श्रावण मानकर, अभिषेक कारेमोरे, योगेश तिवारी, अनिल भांडारकर, सुनील नांदुरकर, अजय हाथीबेड, आशीष बोथरा, गोपाल राठी, राजू शर्मा, हेमंत शुक्ला, प्रवीण सोलंके, प्रशांत पावेसकर, घाडगे दीदी, बल्लू विश्वकर्मा, सुनील पोहाने, चंदू चैहान, गोलू कोसे, गणेश राउत, नरेश वाघमारे ने किया. कथा का समय दोपहर 3 से 6 रखा गया है.
