नागपुर, 10 जून – विदर्भ प्रीमियर टी-20 लीग (VPTL) इन दिनों जमठा स्थित विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (VCA) के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेले जा रहे हैं। लेकिन मैदान में एक बात साफ़ नज़र आ रही है—दर्शकों की भारी कमी।
भले ही इस लीग का उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देना है, लेकिन कई मैच लगभग खाली स्टैंड्स के सामने खेले जा रहे हैं। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह लीग आम जनता से जुड़ पा रही है?
दूरदराज़ का स्टेडियम, कम होती भीड़
VPTL के मैचों में कम भीड़ का एक बड़ा कारण स्टेडियम की लोकेशन को माना जा रहा है।
जमठा का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भले ही विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस हो, लेकिन यह नागपुर शहर के मुख्य भाग से करीब 16–20 किलोमीटर दूर स्थित है। आम दर्शकों के लिए—जैसे छात्र, परिवार और कामकाजी लोग—यह दूरी एक बड़ी चुनौती है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी, शाम के समय यात्रा की असुविधा और सप्ताह के दिनों में मैचों का आयोजन, सभी मिलकर दर्शकों को स्टेडियम तक पहुंचने से रोकते हैं।
एक स्थानीय क्रिकेट प्रेमी का कहना है, “खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन जब मैदान तक पहुंचना ही मुश्किल हो, तो लोग कैसे आएंगे?”
समाधान शहर के बीचोंबीच मौजूद है
ऐसे समय में कई फैंस और जानकारों का मानना है कि इस समस्या का समाधान बहुत सरल है—पुराने VCA ग्राउंड, सिविल लाइन्स में कुछ मैचों का आयोजन।
यह ग्राउंड नागपुर शहर के बीच में स्थित है, ऐतिहासिक महत्व रखता है, और स्थानीय लोगों के बीच इसकी भावनात्मक पहचान भी है। हालांकि इसमें जमठा जैसी सुविधाएं नहीं हैं, लेकिन पहुंच आसान है और दर्शकों का जुड़ाव भी अधिक हो सकता है।
संतुलित आयोजन मॉडल की मांग
अब फैंस और क्रिकेट समुदाय से यह सुझाव आ रहा है कि एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाए:
- बड़े और फाइनल मुकाबले जमठा में कराए जाएं
- सप्ताह के दिनों के सामान्य मैच पुराने ग्राउंड में हों
इससे लीग को टीवी और ग्राउंड, दोनों जगह पर असली दर्शक मिलेंगे। शहर के स्कूल, कॉलेज और क्रिकेट अकादमियों को भी इसमें भागीदारी का अवसर मिलेगा।
VCA से विनम्र अपील
VPTL एक सराहनीय पहल है, जो विदर्भ क्रिकेट को नई ऊंचाई दे सकती है। लेकिन इसके लिए यह ज़रूरी है कि लीग सिर्फ टीवी पर ही न दिखे, बल्कि लोगों के बीच भी पहुंचे।
एक कोच ने कहा, “एक छोटा लेकिन दर्शकों से भरा स्टेडियम, एक खाली बड़े मैदान से ज्यादा ऊर्जा देता है। अगर आप चाहते हैं कि लीग लोगों के दिल में बसे—तो उसे उनके पास लाना ही होगा।”
अब देखना यह है कि क्या VCA इस आवाज़ पर ध्यान देता है। लेकिन इतना तो तय है—VPTL को अगर असली सफलता चाहिए, तो उसे दर्शकों के करीब लाना ही होगा।