Published On : Mon, Aug 10th, 2020

श्रम कानूनों का ज्ञान होना और पालन करना आवश्यक: आर एल सोनी

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किसी भी संस्थान, संगठन के सुचारू रूप से संचालन के लिए देश में लागू श्रम कानूनों के अनुपालन का अत्यधिक महत्व है और उनका पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए. कोसिया विदर्भ द्वारा आयोजित श्रम कानूनों पर आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में यह जानकारी मुंबई के प्रसिद्ध अधिवक्ता आर. एल. सोनी ने भीड़ भरे वेबिनार में विस्तार से बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत लॉकडाउन अवधि के लिए कर्मचारियों को वेतन और मजदूरी का भुगतान करने के लिए एमएचए द्वारा जारी किए गए निर्देश और इसे 27 से अधिक औद्योगिक संघों और कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा चुनौती दी गई थी.सरकार को कई बार जवाब देने का मौका दिया गया तब सरकार ने एक तर्कसंगत जवाब दिया कि जब नकदी प्रवाह और व्यापार लेन देन नहीं होता है तो एम्प्लॉयर को लॉकडाउन अवधि के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.

इस प्रकार इस के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ.उल्लेखनीय है कि नियोक्ता(एम्प्लॉयर)और कर्मचारी एक सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए आते हैं और यदि श्रम कार्यालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है तभी विभाग भी सहयोग करता है. गौरतलब है कि पहले 54 दिनों की लॉकडाउन अवधि का प्रश्न भी नियोक्ताओं /कर्मचारियों की आपसी बातचीत पर छोड़ दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पीएफ भुगतान पर कुछ राहत दी गई है.सरकार ने मार्च अप्रैल और मई के महीने के लिए एंपलॉयर और एंप्लाइज की ओर से प्रत्येक को 12% का अंशदान देकर 100 नंबर से कम के रोजगार वाले उन प्रतिष्ठानों को वैज्ञानिक पीएफ भुगतान में एम एस एम ई क्षेत्र को राहत देने की घोषणा की है.उन्होने ये भी कहा कि यह ध्यान रहे की स्थापना में रोजगार का 90 परसेंट से अधिक 15000 प्रति माह से कम वेतन आहरित होना चाहिए .कुल 12 करोड रोजगार में से लगभग 72 लाख कर्मचारी और उनके नियोक्ता इस राहत योजना का लाभ उठाने में सक्षम थे. सरकार ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए प्रत्येक को सामान 10% तक कम कर के पीएफ भुगतान की राहत प्रदान की जो जून ,जुलाई और अगस्त की अवधि तक है.

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श्री सोनी ने नियमित श्रम कानूनों के बारे में भी कहा कि मैन्युअल ऑपरेटिव ऑपरेशंस में 20 से अधिक कर्मचारियों वाले एस्टेब्लिशमेंट और पावर ऑपरेशन वाले 10 से अधिक कर्मचारियों वाले लोगों को फैक्ट्री अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक है . दुकान और स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होने के लिए 10 से कम रोजगार की आवश्यकता होती है. 10 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को ईएसआईएस अधिनियम के तहत पंजीकृत किया जाता है और 20 से अधिक लोगों को भी एस आई एस अधिनियम के अलावा वैज्ञानिक बोनस छुट्टी के साथ.

मजदूरी ग्रेच्युटी और मातृत्व अवकाश अधिनियम के तहत कवर किया जाता है. एक बार पंजीकृत होने के बाद प्रतिष्ठान याद भी इसे लागू कर देते हैं तो हमेशा के लिए जारी रखा जाना चाहिए .नियोक्ता और कर्मचारी के लिए योगदान 12% प्रत्येक /21000 -प्रति माह के वेतन तक इसका एक हिस्सा 60 वर्ष की आयु तक पेंशन योजना में जाता है ईएसआईएस 10 से अधिक की स्थिति में लागू होता है और इससे नीचे नहीं यह योगदान कुल 4% है कर्मचारी 0.75% और 3.75%. कर्मचारी के पूरे परिवार की सभी बीमारियां इस योजना के अंतर्गत आती है कर्मचारी भी बीमार हो जाता है तो कुल वेतन ,काम की जगह पर चोट के लिए, अस्थाई विकलांगता अवकाश स्थाई विकलांगता के लिए क्षतिपूर्ति और अस्थाई सेवानिवृत्ति के लिए भी मुआवजा महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश भी मिलता है.

प्रारंभ में अध्यक्ष कोसीया *मयंक शुक्ला* ने स्पीकर और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि कोशिया विदर्भ चैप्टर को लेकर लॉज में पारंगत श्री सोनी से बहुत कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. अधिवक्ता रमेश सोनी मुंबई इस विषय पर एक प्राधिकारी है जिनके नाम और प्रसिद्धि ने ही इस संगोष्ठी में भाग लेने के लिए पूरे भारत के प्रतिभागियों को आकर्षित किया है उन्होंने कहा कि वे इस वेबीनार में को सिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर खंबेते और राष्ट्रीय सचिव जयवंत निनाद के आयोजन की सराहना की *सीए जुल्फेश शाह* , वाइस चेयरमैन कोसिया ने कहा कि श्रम कानूनों का अनुपालन अत्यंत महत्व का है और हीत धारकों को विभिन्न महत्वपूर्ण कानूनों से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 और पेंशन योजना, 1995 , कर्मचारी राय बीमा योजना , ग्रेच्युटी अधिनियम 1972, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, समान परिश्रमिक श्रम कल्याण कोष, फैक्टरी एक्ट 1948 आदि के बारे में जानकारी से यह विशेष वेबीनार प्रतिभागियों के लिए अत्यधिक लाभकारी रहा . *प्रणव अंबासेल्कर* ने प्रश्न उत्तर का समन्वय किया और धन्यवाद का प्रस्ताव रखा. उद्योगपति ,उधमी ,मानव संसाधन अधिकारी ,सलाहकार आदि ने वेबीनार ने भाग लिया.

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