Published On : Fri, Dec 23rd, 2016

शाहजहां प्रथम, सफेलकर द्वितीय व कदम तीसरे क्रमांक पर

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Kamptee Nagar Parishad

नागपुर: नागपुर जिले के नगरपरिषदों का चुनाव 8 जनवरी को होने जा रहे हैं। इसी चुनाव में नगराध्यक्ष का चुनाव भी शामिल है। संपूर्ण जिले में नगराध्यक्ष का सबसे रोचक चुनाव कामठी का होने की उम्मीद स्थानीय नागरिकों ने व्यक्त की है, इस आधार पर प्रथम अवलोकन के अनुसार कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार क्रमशः पहले व तीसरे क्रमांक पर नज़र आये। तो वहीँ दूसरे क्रमांक पर निर्दलीय रंजीत सफेलकर दौड़ रहे हैं।

कामठी नगरपरिषद क्षेत्र में 40% मुस्लिम, 32% हिन्दू/हिन्दू अनुसूचित जाति और 20% दलित मतदाता प्रमुखता से है। कांग्रेस ने मुस्लिम तो भाजपा ने कुनबी उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। भाजपा का बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच से गठबंधन होने के कारण भाजपा ने तय गठबंधन शर्तो के आधार पर बरिएंम का नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार अजय कदम को समर्थन दिया है। बरिएंम का दावा है कि उनका कामठी के संपूर्ण दलित मतदाताओं पर एकाधिकार है,लेकिन उन्होंने कुनबी उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। कुनबी उम्मीदवार उतरने से भाजपा गठबंधन तीसरे क्रमांक पर नज़र आ रही है।

इस चुनाव में तिकोनी स्पर्धा करवा रहे निर्दलीय उम्मीदवार रंजीत सफेलकर फ़िलहाल सामाजिक समीकरण के हिसाब से दूसरे क्रमांक पर चल रहे हैं। कांग्रेस ने विवादस्पद शाहजहां सेठ को उम्मीदवारी देकर पार्टी में नाराजगी का बीज बो दिया है। यह इसलिए भी हुआ कि भाजपा नेता की मांग पर कांग्रेस ने कच्चा उम्मीदवार के रूप में शाहजहां को उम्मीदवार बनाया।ताकि भाजपा गठबंधन का उम्मीदवार आसानी से नगराध्यक्ष बन सके और बरिएंम का भाजपा समर्थन के बदले कर्जपूर्ति हो जाये। शाहजहां में वैसे एक भी गुण नहीं है,जो कि कोई भी अदना सा पक्ष भी उसे नगराध्यक्ष जैसे पद का उम्मीदवार बनाये। फ़िलहाल शाहजहां समुदाय के मतदाता के हिसाब से पहले पायदान पर दौड़ रहे हैं, वैसे आज की सूरत में शत-प्रतिशत मुस्लिम समुदाय उनके खिलाफ होने से सभी शांत बैठे हैं। शाहजहां का साथ मनोज शर्मा और अज्जु अग्रवाल खुले तौर पर दे रहे हैं। अज्जु अग्रवाल को उम्मीद थी कि उसे भाजपा नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवारी देगी, लेकिन यह अवसर हाथ से जाने से नाराज़ अग्रवाल कांग्रेस उम्मीदवार शाहजहां के लिए सक्रिय है। शाहजहां को मतदान के पूर्व समाज का पूर्ण सहयोग मिला तो जीत का अंतर बड़ा हो सकता है।

भाजपा उम्मीदवार अजय कदम बरिएंम सुप्रीमो का लाडला होने के कारण बरिएंम सुप्रीमो ने न सिर्फ बरिएंम का नेता ही नहीं बनाया बल्कि भाजपा से गठबंधन कर अपने पक्ष का ही नगराध्यक्ष पद का उम्मीदवार उतारने के लिए भाजपा को राजी करा कदम को संयुक्त उम्मीदवार बनाया। आज बरिएंम के अधिकांश कार्यकर्ता की मांग थी कि नगराध्यक्ष पद के लिए दलित उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाये,लेकिन सुप्रीमो ने कदम को उम्मीदवारी देने से निराश हो गए।साथ ही भाजपा ने खुद का उम्मीदवार नहीं उतरा इसलिए भाजपाई और उसके समर्थक काफी तैश में हैं। इस वजह से कदम तीसरे क्रमांक पर चल रहे हैं। मतदान के ऐन मौके पर भाजपा और बरिएंम सुप्रीमो ने अपने-अपने कार्यकर्ताओ की नाराजगी दूर करने में सफलता हासिल की तो परिणाम सकारात्मक हो सकता है।

और दूसरे क्रमांक पर दौड़ रहे निर्दलीय रंजीत सफेलकर वैसे धर्म/जाति समर्थक के आधार पर चल रहे है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के प्रति नाराजगी मतदान के दिन तक कायम रही तो दोनों उम्मीदवार के पक्ष के समर्थक सह मतदाता सफेलकर के पक्ष में मतदान करवाकर अपने-अपने पक्ष नेताओ को सबक सिखाने की योजना बना रहे है।ऐसा रहा तो नगराध्यक्ष बनने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। वैसे सफेलकर का खुद का कैडर काफी मजबूत है,पिछले चुनाव में सफेलकर दंपत्ति नगरसेवक बने,फिर अपने दम पर नगरपरिषद के उपाध्यक्ष बन संभवतः सभी समाज हित में सर्वांगीण विकास हेतु सक्रिय रहने की जानकारी दर्जनों मतदाताओं ने दी।