एकवीरा देवी मंदिर में होम हवन
अमरावती। एकवीरा देवी मंदिर में बुधवार को संत किशोर व्यास, अंजनगांव सुर्जी मठ के संत जितेन्द्रनाथ महाराज व येलकी की संत मुरलीधर महाराज के हाथों कलशारोहण किया गया. मंत्रोच्चार की पवित्र ध्वनि में हुए इस कलशरोहण के बाद अभिषेक होम-हवन व महाप्रसाद का कार्यक्रम हुआ. जिसमें 6 हजार से अधिक भक्तों ने सहभाग लिया. मंदिर का जिर्णोध्दार का काम पिछले 12 वर्षों से जारी है. जिस पर अब तक 4 करोड़ 42 लाख 47 हजार रुपए खर्च कि ए जा चुके है. इस कलशारोहण के उपलक्ष्य में तीन दिनों तक यहां धार्मिक कार्यक्रम चले.
भंडारा में उमड़े हजारों श्रध्दालु
एकवीरा माता मंदिर पर कलशारोहण का कार्यक्रम सबेरे 6.30 बजे से शुरु हुआ. संतों के हाथों कलशारोहण के अवसर पर मंदिर के पुजारियों ने मंत्रोच्चार किए. माता का अभिषेक, महाआरती की गई. पश्चात होम हवन की शुरुवात हुई. इस समय संस्था सचिव दीपक सब्जीवाले, वीरेन्द्र दुबे, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर भोंदु, सहसचिव शैलेश वानखडे,कोषाध्यक्ष राजेंद्र टेंबे, सहकोषाध्यक्ष सुरेश कारंजकर सहित हजारों की संख्या में भक्त उपस्थित थे. दोपहर 12 बजे महाभोग के बाद महाप्रसाद का आरंभ मंदिर के ऊपरी हिस्से में बने हाल में हुआ. इस समय 6 हजार से अधिक नागरिकों ने प्रसाद का लाभ उठाया.
इस अवसर पर मंदिर को सहयोग करने वाले भक्त टी.टी. राठी, लढ्ढा, मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले हनुमानसिंग, सोमपुरिया, आदि का संस्थान की ओर से चांदी के स्मृति चिन्ह देकर सत्कार कि या गया. इससे पहले मंगलवार को संत जितेन्द्रनाथ महाराज का प्रवचन हुआ. जिसे सुनने के लिए भी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा.
12 वर्ष से निर्माण कार्य जारी
मंदिर का के जिणोध्दार का काम गत 12 जुन 2003 से जारी है. गुलाबी रंग के स्टोन से इस मंदिर को बनाया गया है. पहले मंदिर का भूगर्भ अत्यंत छोटा होने से भक्तों को दर्शन में कठिनाई होती थी. लेकिन अब यह भूगर्भ परिसर विस्तृत किया गया है. जिससे भक्त माता के दर्शन शांती से करते है. नवरात्रोत्सव के दौरान भी हजारों की भीड़ में किसी तरह की असुविधा नहीं होती. 27 अगस्त 2014 को एकवीरा देवी की मूर्ति से सिंदूर का आवरण अपने आप हटनेे से मूर्ति अपने वास्तविक रुप में आ गई. देवी के वज्रलेप का काम 8 मार्च 1014 को पूरा किया था.