नागपुर: जय विदर्भ पार्टी की ओर से बुधवार को वैरायटी चौक, गांधी पुतला के सामने महावितरण के विद्युत शुल्क में प्रस्तावित 37 प्रतिशत वृद्धि के निर्णय का विरोध करते हुए एवं नारों के साथ विरोध जताते हुए कुछ समय के लिए सड़क को जाम कर दिया गया। विदर्भ में बिजली उत्पादन के बावजूद लोड सरचार्ज, ट्रांसपोर्ट टैक्स, फ्यूल एडजस्टमेंट रेट, फिक्स्ड रेट, इंफ्रा रेट, ब्याज जैसे टैक्स के जरिए विदर्भ की जनता को लूटा जा रहा है। जबकि बिजली उत्पादन के सभी प्रोजेक्ट विदर्भ में ही स्थित हैं।
बिजली उत्पादन के लिए विदर्भ की जमीन चली गई है, किसानों के हक की सिंचाई का पानी बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि विदर्भ के पेट से कोयला भी निकाला जाता है, विदर्भ के लोगों को प्रदूषण का बोझ झेलना पड़ता है और इससे होने वाली गंभीर बीमारियाँ और मौत की वजह भी विदर्भ के लोगों पर थोपी जा रही है। विदर्भ के पावर प्लांट में औसतन 2.50 पैसे की दर से बिजली पैदा होती है, महावितरण को 67 हजार 644 करोड़ रुपए का नुकसान बताकर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। विद्युत नियामक आयोग को जहां बिजली मूल्य वृद्धि के दौरान महावितरण के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, व्यापारियों और उद्योगपतियों की बात सुनना मंजूर था, लेकिन बिजली नियामक आयोग ने पिछले 3 दिनों से नागपुर मंडल और अमरावती मंडल में कहीं भी सुनवाई नहीं की। वर्षों से ऑनलाइन स्टेटमेंट मांगने के बाद भी आज तक सुनवाई नहीं हुई है। फरवरी 2021 में किसानों को महावितरण द्वारा कृषि पंपों के बढ़े हुए बिजली बिल भेजकर ठगा गया और 22 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया।
साथ ही बिजली मंत्रालय से सब्सिडी के नाम पर 8 हज़ार करोड़ रुपए की चोरी की गई। महावितरण घाटे में क्यों है? जय विदर्भ पार्टी की तरफ से सवाल उठाया गया कि आखिर कब तक महाराष्ट्र सरकार विदर्भ की जनता को लूटती रहेगी। जो लोग विपक्षी पार्टी में हैं और बिजली बिल नहीं देने की बात कहते हैं, वे आज विदर्भ के किसानों के साथ कृषि पंप का कनेक्शन (कनेक्शन) काटकर 4,578 करोड़ रुपए बकाया बताकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। जय विदर्भ पार्टी इस अमानवीय व्यवहार को स्वीकार नहीं करती है। विरोध के दौरान दिल्ली में बिजली सस्ती – विदर्भ के लोग बिजली बिल से परेशान, बिजली बिल में आग – महाराष्ट्र सरकार कब जागेगी, बिजली दरों में 37 प्रतिशत की वृद्धि को तुरंत वापस लें – वापस लें, विदर्भ की बिजली – सरचार्ज काम नहीं करेगा – महाराष्ट्र सरकार काम नहीं करेगी, कृषि पंप को बिजली बिल से मुक्त करें – इसे मुक्त करें, अलग विदर्भ होना चाहिए, लेके रहेंगे लेके रहेंगे विदर्भ राज लेके रहेंगे, जय विदर्भ – जय जय विदर्भ जैसे विविध नारे लगे।
जय विदर्भ पार्टी ने मीडिया के माध्यम से चेतावनी दी है कि अगर महावितरण द्वारा प्रस्तावित 37 प्रतिशत बिजली शुल्क वृद्धि को वापस नहीं लिया गया तो बिजली आंदोलन तेज किया जाएगा। जय विदर्भ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण केदार, राष्ट्रीय महासचिव विष्णुपंत अष्टीकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश मसुरकर, संयुक्त सचिव अरविंद भोंसले पोलित ब्यूरो सदस्य तात्यासाहेब मते, श्रीकांत दौलतकर, नगर संगठन मंत्री ओमप्रकाश शाहू, नागपुर शहर के महासचिव नरेश निमजे, उपाध्यक्ष गुणवंत सोमकुवर, मृणाल मोरे, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष (उत्तर) ज्योति खांडेकर, (दक्षिण-पश्चिम) अशोक पाटिल, (दक्षिण) राजेंद्र सताई, श्याम लुते, गणेश शर्मा, शोएब रायपुरवाला, नीलिमा सेलुकर, माधुरी चौहान, प्यारेभाई उर्फ नौशाद हुसैन, हरिभाऊ पानबुडे, रमेश वरुदकर, माखन धुर्वे, लक्ष्मण डेंटवाल, विजय मोंडेकर, राहुल बंसोड़, यशवंत चिंताले, पराग वैरागड़े, चंद्रशेखर रामभाड़े, मोरेश्वर वनकर, मधुकर जुमडे, विनोद उलीपवार, अतुल रणदीव, प्रकाश गवली, ऋषभ भास्केरे, सतीश गजबे, नीलकंठ अंबोरे, वसंतराव वैद्य, प्रकाश कुंते, पांडुरंग शेंडे, हरिराम नस्रे, धीरज हेडाऊ, धनराज क्षीरसागर, जयकिशन गजभिए, अक्षय पांडेय, वसंतकुमार चौरसिया और प्रशांत तागड़े समेत सैकड़ों कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी गण मौजूद रहे।