Published On : Mon, Apr 19th, 2021

वर्धा में ऑक्सीजन प्लांट के पास ही जंबो हॉस्पिटल भी होगा तैयार : डॉ. नितिन राऊत

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नागपुर– कोरोना की स्थिति अब गंभीर हो चुकी है. राज्य सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे है. विपक्षी नेताओ को विश्वास में लेकर चर्चा करते हुए भी प्रयास किए जा रहे है. कुछ समय के लिए ऑक्सीजन की कमी थी. हमेशा 2 ट्रक ऑक्सीजन आता था, कल एक ही ट्रक आया था. जिसके कारण सभी तरफ ऑक्सीजन की कमी आयी है. आज नागपुर में लिक्विड ऑक्सीजन के 4 टैंकर आए है, उसमे कारण 82 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है. अमरावती, गोंदिया, वर्धा और छिंदवाड़ा को भी यह ऑक्सीजन दिया गया है. आज ऑक्सीजन की किल्लत नागपुर में नहीं रहेगी. वर्धा स्थित लोइड्स स्टील प्लांट में बढे प्रमाण में ऑक्सीजन उपलब्ध है.करीब 260 टन ऑक्सीजन वहांपर उपलब्ध है. इसके कारण लोइड्स स्टील प्लांट परिसर में ही एक हजार बेड्स का जम्बो हॉस्पिटल वहां तैयार किया जाएगा. पहले 200 बेड्स का हॉस्पिटल वहां शुरू किया जाएगा. जिन मरीजों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरुरत है, ऐसे मरीजों को वहां ट्रांसफर किया जाएगा. यह जानकारी सोमवार सोमवार 19 अप्रैल को जिले के पालकमंत्री और राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ. नितिन राऊत ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्र परिषद् में दी.

इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की विभागीय आयुक्त की टीम को स्थल पर भेजा गया है और वे वापस आकर मुझे इस बारे रिपोर्ट देंगे. महानिर्मिति के कोराडी और खापरखेड़ा प्लांट में ओझोन तैयार होती है. वहां पर ऑक्सीजन बन सकता है, वहां पर कम्प्रेसर लगाने की जरुरत है और वो केवल इटली, जर्मनी और चीन में मिलता है, वहां कम्प्रेसर लगाने के बाद रोजाना 100 सिलिंडर ऑक्सीजन की निर्मिति हो सकती है. इसपर भी विचार किया जा रहा है. राऊत ने बताया की चीन में कम्प्रेसर तैयार है, अधिकारियों को बताया गया है की तुरंत उसे एयरलिफ्ट करिये और सीएसआर के तहत उसको फंड दिया जाए. खापरखेड़ा पुराने प्लांट में कम्प्रेसर लगाने के बाद वहां रोजाना 150 सिलिंडर ऑक्सीजन रोजाना मिल सकता है. कम्प्रेसर लगाने के लिए कम से कम 30 से 45 दिन लगेंगे. हिंगना में भी एक ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जानेवाला है. इसकी क्षमता कम है. पांचपावली के कोविड केयर सेंटर में मनपा पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट उभरनेवाली है. लेकिन वहां टैंक बनाया जा रहा है. खापरखेड़ा 15 साल पुराना प्लांट है.

नागरिकों के लिए रोजाना ऑक्सीजन के टैंकर बुलाये जा रहे है और भिलाई से इसका आना शुरू हो चूका है. रशियन कंपनी लिओंस ने भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने में इंटरस्ट दिखाया है. 100 वेंटिलेटर भी मंगाए गए है.

आरटीपीसीआर की स्पीड बढ़ाने के लिए एक मशीन आती है, इसकी रिपोर्ट 30 मिनट में आती है और 95 प्रतिशत तक इसकी एक्यूरेसी रहती है. इसे भी मंगाया गया है.

17 और 18 को एक भी रेमडेसिवेर के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे, लेकिन आज 3 हजार इंजेक्शन उपलब्ध है. यह जिलाधिकारी के द्वारा सभी हॉस्पिटल्स में वितरित किए जाएंगे. राऊत ने बताया की दवाई बनाने के लिए कंपनियों से चर्चा की गई थी. लेकिन रॉ मटेरियल नहीं होने से उन्होंने मना कर दिया. वर्धा के क्षीरसागर ने कहा है की वो रेमडेसिवार का उत्पादन करेंगे.

उन्होंने इसके बाद जिले और ग्रामीण में मरीजों की संख्या के बारे में बताया और कोरोना रोकने के लिए और नागरिक घर से बाहर न निकले इस उद्देश्य के लिए मनपा आयुक्त को आदेश दिए गए है. इसके लिए नए दिशानिर्देश शाम तक जारी किए जाएंगे.