आंगणवाड़ियों में नहीं होती किसी भी प्रकार की जाँच
प्रकल्प अधिकारी नहीं आते नजर
अचलपुर (अमरावती)। सरकार की ओर से एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प विभाग के माध्य से नन्हें बालकों की शिक्षा के लिए आंगणवाड़ी केंद्र चलाये जाते है. अचलपुर परतवाडा जुड़वाँ शहर में करीब 80 से अधिक आंगणवाड़ी केंद्र चलते है. जिस पर किसी प्रकार का नियंत्रण ना होने की खबरें सामने आ रही है. 25 आंगणवाड़ियों केंद्र पर एक सुपरवाईजर की नियुक्ति थी परंतु 3 सुपरवाईजर यहाँ से चले जाने के कारण एक ही सुपरवाईजर यहाँ है. परंतु वे भी कभी आंगणवाड़ियों में नजर नहीं आता. जिसके चलते बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. इतना ही नहीं विभिन्न योजनाओं के तहत आंगणवाड़ियों में कार्यक्रम लेने के निर्देश प्रशासन की ओर से समय-समय पर दिया जाता है. बावजूद इस के आंगणवाड़ियों में कार्यक्रम नजर नहीं आते. इस पर भी प्रकल्प अधिकारी खामोश होने पर बच्चों के पालकों में रोष देखा जा रहा है.
प्रकल्प अधिकारी का अचलपुर की आंगणवाड़ियों में कोई नियंत्रण ना होने की बात स्पष्ट नहीं दिखाई पड रही है. शहर के आंगणवाड़ियों का समय अजीबो गरीब है. दोपहर 12 बजे खुलने वाली आंगणवाड़ियां दोपहर 2 बजे तक बंद नजर आती है. मासूम बालकों को शिक्षा की लगन तो दिखाई पड़ती है लेकिन शिक्षक को समय की परवाह नहीं रहने से आंगणवाड़ी केंद्र बजट डगमगा रहा है. प्रकल्प अधिकारी केंद्रों पर नजर नहीं आते जिस से आंगणवाड़ियों पर इसका कोई नियंत्रण नहीं होने से बच्चों के पलकों में नाराजगी नजर आरही है. नागरिकों की मांग है कि, अचलपुर में तत्काल सुपरवाईजर की नियुक्ति की जाए तथा प्रकल्प अधिकारी इस ओर ध्यान दे साथ ही पोषण आहार जाँच हेतु एक समिति गठित करने का भी नागरिकों द्वारा सुझाव दिया जा रहा है.

Representational pic
