असुविधाओं पर ८ को बैठक में चर्चा
नागपुर : पचमढ़ी स्थित सतपुड़ा पर्वत शृंखला में आयोजित होनेवाली नागद्वार यात्रा 25 जुलाई से 6 अगस्त तक 13 दिनों की तय की गई है. प्रशासन की ओर से तय की गई इस तारीख को बढ़ाने की मांग विविध सेवा मंडलों की ओर से की गई है. उनका कहना है कि यात्रा की अवधि कम से कम 15 दिनों की रहनी चाहिए. 13 दिनों की यात्रा का निर्णय होशंगाबाद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है. पिपरिया के एसडीएम ने भी इस बात की पुष्टि की है.
याद रहे कि यात्रा के संबंध में विविध सेवा मंडलों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में 8 जुलाई को बैठक का आयोजन किया गया है. यह बैठक भी होशंगाबाद की बजाय पचमढ़ी में लेने की मांग मंडलों ने की थी. मंडलों की मांग मंजूर करते हुए अब बैठक पचमढ़ी में 8 जुलाई को ही होगी. इस बैठक में यात्रा के दौरान प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई जानेवाली सुविधाएं व मंडलों को होनेवाली दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी.
उल्लेखनीय यह हैं कि नागद्वार जानेवाले भक्तों का कहना है कि महादेव मेला समिति को हजारों की संख्या में आनेवाले भक्तों से लाखों रुपयों की आवक होती है, मगर नाममात्र ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. देश के अन्य धार्मिक स्थलों की तरह यहां पर भी भक्तों के ठहरने, पार्किंग, पीने का पानी, सड़क जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
नागद्वार यात्रा के प्रमुख धार्मिक स्थलों की बात की जाए तो पद्मशेष, चिंतामणी, चित्रशाला माता, स्वर्गद्वार आदि स्थानों पर विदर्भ के सेवामंडलों की ओर से रहने और खाने की नि:शुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, मगर प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं रहती है. इन स्थानों पर जाने के लिए सड़कें, बिजली और पानी की व्यवस्था प्रशासन की ओर उपलब्ध कराई जानी चाहिए.