Published On : Fri, Nov 2nd, 2018

इतवारी के अनाज बाजार की उलटी गिनती शुरू

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सेस बकायेदार थोक विक्रेता जिलेभर में सक्रीय

नागपुर: पिछले वर्ष अनाज अनाप-शनाप कर लगाए जाने से अनाज के थोक व्यापारियों ने बाजार बंद कर एक माह से अधिक तक आंदोलन किया था. इस आंदोलन के दौरान जनता की मांग पर जिले और इसके आसपास के जिलों में नए थोक व्यवपारियों ने इस व्यवसाय को हाथों-हाथ उठा लिया. इसकी वजह से इतवारी का थोक अनाज व्यापार संकट में आ गया.

उक्त आंदोलन के दौरान नागरिकों की मांग पूर्ति के लिए शहर, बाहरी इलाकों और पड़ोसी जिले के बाहर कोने-कोने में किराना का व्यवसाय करने वालों ने थोक बिक्री का काम शुरू कर दिया. ये नए थोक विक्रेताओं का धंधा पूरे शबाब पर पहुँचने से प्रस्थापित अनाज व्यापार अड़चन में आ गया. ये नए थोक विक्रेता एपीएमसी को सेस भी नहीं देते और एपीएमसी का भी चुप्पी साधे रहना व लाखों में नुकसान सहना समझ से परे है. जबकि प्रस्थापित अनाज व्यापारी नियमित प्रत्येक व्यवहार का सेस आज भी दे रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि एपीएमसी का अनाज पर १.०५% सेस लगता है. दालों पर सेस की छूट है. प्रस्थापित अनाज बाजार का आंदोलन के पहले ५० करोड़ का व्यवसाय था जो कि घट कर १५ करोड़ के आसपास आ गया है. हाल ही में जारी हुए नए अध्यादेश में किसानों को मंडी से अनाज बेचने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है. इससे एपीएमसी का अस्तित्व ही संकट में आ गया.

एपीएमसी के नेता मना कर रहे………
एपीएमसी के नेता एपीएमसी कलमना में बनाई गईं नई दुकानों और कार्यालय को खरीदने के इच्छुकों से संपर्क कर नए महंगे दुकान, कार्यालय खरीद में पैसे फंसाने से मना कर रहे हैं क्यूंकि एपीएमसी कलमना परिसर में लेबर महंगे,माल को लाने-ले जाने के लिए समय पर व्यवस्था न होने, अनाज का स्टॉक रखने की पर्यायी व्यवस्था न होने, के बाद भी नई दुकान का दर २५०० रुपए फुट और कार्यालय १०००-१५०० रुपए फुट रखा गया है. एक दुकान या कार्यालय कम से कम ५०० फुट का है.

रात में शेश चोरी
कलमना एपीएमसी से रोजाना रात भर अनगिनत ट्रक सोयाबीन व गेहूं बहार जाता है. वह भी बिना सेस भरे जिले के पास सोयाबीन उत्पादों के निर्माण का प्लांट है. इसके लिए कलमना एपीएमसी से ४-५ दर्जन ट्रक रोजाना सोयाबीन जाता है.