Published On : Wed, Sep 14th, 2016

“पहले मिहान फिर पतंजलि के नाम पर”

Advertisement

Mihan Building
पहले मिहान तो अब पतंजलि के नाम पर वर्धा रोड की “प्रॉपर्टी बूम” से छोटे-बड़े निवेशक पुनः एक बार सकते में आ गए है कि प्रचारित की जा रही दिव्य-स्वप्न के जानबूझ कर खुद की जमा-पूँजी झोंके या नहीं।समय रहते एक बार फिर इस परिसर का चौमुखी विकास नहीं दिखा तो पुनः निवेशक ठगा जाएंगे और फिर कभी इस ओर मुड़कर नहीं देखेंगा।

पिछली राज्य सरकार ने नागपुर जिले के वर्धा मार्ग पर विमानतल से सटी जमीन को “मिहान” का नाम देकर अधिगृहित जमीन पर करोडों के प्रकल्प लाने की घोषणा कर जिले सहित देश की तमाम जनता-जनार्दन को भ्रमित किया।इस सोची-समझी रणनीति के तहत संपत्ति के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों ने काफी निवेश किया,लेकिन वही “ढाक के तीन पात” रही.अर्थात कोई उल्लेखनीय उद्योग घराना मिहान की ओर नहीं भटका।वही कागजों पर करोडों के निवेश दिखा-दिखाकर सरकार खुद की पीठ थपथपा रही है.

दूसरी ओर “मिहान” का दर्द निवेशक सह बेरोजगार युवकों का भरा नहीं था कि वर्त्तमान सरकार ने “पतंजलि” का गुब्बारा उछाला। बाबा रामदेव के उद्धघाटन भाषण का मौका परस्तो ने फायदा उठाकर पुनः खुद का संपत्ति का व्यवसाय शुरू कर पुनः निवेशकों को रिझाने में डूब गई है.इसके झाँसे में एक बार फिर जनता-जनार्दन आ तो जाएँगी लेकिन मिहान की तर्ज पर पतंजलि का वही हाल हुआ और न जमीन के दाम बड़े और न ही मनमाफिक रोजगार मिला तो इस बार जनता सह निवेशक वर्त्तमान सरकार को कही का नहीं छोड़ेगी।

 – राजीव रंजन कुशवाहा