Published On : Tue, Feb 18th, 2020

क्या ‘बीवीजी’ व ‘एजी’ काम बंद करने की योजना बना रही

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– कारण काम कम और वेतन ज्यादा बांटने से त्रस्त हो गई हैं

नागपुर : शहर से कचरा संकलन के लिए ‘बीवीजी’ और ‘एजी’ कंपनी को ठेका दिया गया.इनको दिए गए कार्यादेश के अनुसार कर्मियों को तैनात तो कर लिए लेकिन इन्हें उम्मीद के अनुरूप कचरा नहीं मिल रहा.नतीजा ‘आमदनी अठन्नी,खर्चा रुपय्या’ के कारण उक्त दोनों कंपनियां काम छोड़ने कस मन बना रहे.ऐसा कुछ हुआ तो ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में पुनः पिछड़ जायेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर की के संस्थान के अनुसार शहर में सिर्फ ७५० टन कचरा ही रोजाना निर्माण हो रहा.इस हिसाब से उक्त दोनों कंपनियों को सिर्फ ४००-४०० टन कचरा रोजाना मिल रही.रोजाना का टार्गेट पूरा करने के लिए दोनों कंपनियां स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मी के सहयोग से गैर जरुरत मलबा/मिटटी आदि वजनदार सामग्री उठाकर भांडेवाड़ी पहुंचा रही.इस हिसाब से दोनों कंपनियां का क्रमशः ६२० व ६५० टन का बिल बन रहा.

मनपा प्रशासन ने जब कचरा संकलन का टेंडर जारी किया था तब उसमें १००० से १२०० टन कचरा रोजाना उठाने का कार्य था.इसके साथ ही गिला-सूखा कचरा अलग-अलग संकलन कर ट्रांसफर स्टेशन तक ले-जाना,सड़कों पर झाड़ू लगाने वाले का कचरा अलग वाहन द्वारा उठाकर ले-जाना था.लेकिन गिला-सूखा अगल-अलग संकलन करने के बजाय गाड़ियों का बीच का कम्पार्टमेंट हटाए जाने की सूचना मिली हैं.

उक्त कंपनियों ने टेंडर शर्तों के हिसाब से बड़ी संख्या में मनुष्यबल तैनात कर रखी,उक्त कारणों से उन्हें अपने-अपने कर्मियों को मासिक वेतन देना भारी पड़ रहा.अगर ऐसा ही हाल रहा तो उक्त दोनों कंपनियां घाटे में सेवाएं देने के बजाय काम छोड़ने पर विचार कर रही.

गर उक्त कंपनियों ने बीच में काम छोड़ा तो पुनः इस बार मनपा नागपुर ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत अन्य शहरों से पिछड़ सकती हैं.उक्त दोनों कंपनियों के मंशा से मनपा प्रशासन भी वाकिफ हैं लेकिन वे गंभीरता से नहीं ले रही.