- मनसर पब्लिक हेल्थ सेण्टर के समीप स्थापित किया जाना चाहिए था,आमड़ी फाटा के समीप है शुरू
- टोल प्रबंधक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दे रहे है १५ लाख मासिक देन
नागपुर: राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार सम्पूर्ण देश व राज्य के महामार्गों का कायापलट पिछले ५-६ वर्षो से जारी है.इस कायापलट में सरकारी खजाने से कुछ खर्च नहीं हो रहा है,खर्च के नाम पर सिर्फ निरिक्षण-मुआयना आदि का जिम्मा राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के कर्मी पर किया जा रहा है.सम्पूर्ण देश में अधिकांश महामार्ग ‘निर्माण करो,तय वर्ष तक देखभाल करो व टोल से लागत वसूल लो ‘ इस पद्धति से कायापलट का सिलसिला जारी है.
इसी फॉर्मूले के तहत ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को नागपुर जबलपुर मार्ग पर महाराष्ट्र सिमा तक ‘फोर लेन’ सड़क निर्माण का ठेका दिया गया.सड़क निर्माण का सम्पूर्ण खर्च उक्त कंपनी ने लगाया.
कंपनी के सूत्रों के अनुसार एक सड़क का निर्माण में करोड़ों का खर्च आता है. इस खर्च का वहन करने के लिए कंपनी के पास सड़क निर्माण सामग्री निर्माता से समझौता हो जाता है या फिर उनका भी मुनाफे में शेयर तय कर दिया जाता है.इसके अलावा कंपनी के प्रकल्पों पर खाकी-खादीधारी अपने काले धन का निवेश कर मुनाफे सह सफ़ेद भी कर लेते है.
कंपनी उक्त सम्पूर्ण खर्च,तय देखभाल खर्च के साथ कंपनी का मुनाफा का आंकलन कर टोल नाके को तय स्थान से १ से १० किलोमीटर तक आगे खिसकाने का प्रयास करती है.कंपनी की मंशा रहती है कि शहर के जितना करीब नाका ले जायेंगे,उतना टोल वसूली होंगी।इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि को मासिक देन देते है या फिर जो जनप्रतिनिधि तय शर्तो पर टोल संचलन का जिम्मा लेता है,उसे टोल संचलन हेतु सौंप देते है.
नियमानुसार टोल नाका मनसर चौक से आगे याने सुको ने आदेशानुसार मनसर पब्लिक हेल्थ सेण्टर के समीप स्थापित किया जाना चाहिए था,यह मनसर और खवासा बॉर्डर के मध्य है,लेकिन जनप्रतिनिधियों के शह पर नागपुर-जबलपुर मार्ग पर कंपनी पहले टोल नाका टेकाड़ी के आगे पर स्थापित करने की कोशिश की,वहां असफल रहे तो मनसर चौक से पहले कुछ किलोमीटर याने माइल स्टोन ६९१.२० याने आमड़ी फाटा के समीप शुरू किये। इस वजह से स्थानीय लोगो को भी आवाजाही करने पर टोल चुकाना पड़ रहा है,इस अवैध लाखों के आवक का शेयर के रूप में जनप्रतिनिधियों को १५ लाख रूपए मासिक देन कंपनी पहुंचाकर दे रही है.वही दूसरी ओर यही कंपनी नागपुर-बैतूल मार्ग पर स्थापित टोल संचलन का जिम्मा स्थानीय विधायक को दे रखी है.
अगर नियमानुसार नागपुर-जबलपुर मार्ग का टोल नाका तय स्थान पर ले जाया गया तो आज जो टोल नाका की वसूली/आवक है,वह आधी हो जाएँगी।और स्थानीय नागरिको को गोंदिया,भंडारा आदि आवाजाही में लगने वाला टोल खर्च बच जाएगा.
नागपुर-जबलपुर को फोर लेन करने के खिलाफ है कमलनाथ
पिछली सरकार में जब कमलनाथ केंद्रीय मंत्री थे,तब उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा को सडको से सजाने और छिंदवाड़ा मार्फ़त मध्यप्रदेश आवाजाही हेतु अनेकों प्रयास किये। इसी क्रम में वे नागपुर-जबलपुर मार्ग का विरोध अप्रत्यक्ष रूप से किये। उनकी इच्छा थी कि जबलपुर जाने के लिए छिंदवाड़ा को आधार बनाया जाये। जैसे ही सरकार बदली केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कमलनाथ के मंसूबे पर पानी फेर नागपुर-जबलपुर मार्ग को फोर लेन करने का काम शुरू कर दिया। आज की स्थिति यह है कि दीपावली तक महाराष्ट्र सिमा तक फोर लेन का काम पूर्ण हो जाएगा। मध्यप्रदेश वन विभाग के सहयोग से आगे का मार्ग निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा।