Published On : Wed, Jun 14th, 2017

पूर्व केन्दीय मंत्री मोहिते ‘अर्श से फर्श’ पर, खिसकी जमीन तलाशने में भिड़े

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Subodh-Mohite
नागपुर: अभियंता सुबोध मोहिते की राजनीत में शुरुआत भाजपा से शुरू हुई और लगता है कि शिवसंग्राम प्रणित भारतीय संग्राम परिषद आखिरी मुकाम होगा। इस दौरान अपने व्यक्तिगत हुनर से “फर्श से अर्श” तक पहुँचे,तो उतनी ही तेजी से राजनेताओं की विश्वसनीयता खोते हुए “अर्श से फर्श ” पर आ भी गए.आज पुनः अपने राजनैतिक सलाहकार की सलाह पर “अर्श” पर खिसकी जमीन ठीक करने में भिड़े है.

भाजपा नेता महादेव शिवणकर के निजी सहायक रहते-रहते अपना संपर्क बढाकर शिवसेना में आये.शिवसेना नेता का दिल-दिमाग जीतकर अपने हुनर से केंद्रीय मंत्री बने.जब शिवसेना नेता की उम्मीद पूरी नहीं किये तो उनका मोहिते से मोहभंग हो गया.इससे पहले की निकाले जाते वे मंत्री पद सह लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस की सशर्त सदस्यता लेकर पुनः लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन उन्हें उनकी करतूत का सजा मिला और तब से घर ही बैठे हुए है.कांग्रेस प्रवेश के दौरान जो शर्त मोहिते ने रखी थी कि उनके मंत्री रहते मौदा में एनटीपीसी का पावर प्लांट जो मंजूर करवाकर शुरू करवाया गया है,उसे पूरा किया जाएगा और उसमें उनके हस्तक्षेप को बर्दास्त किया जाएगा,जिसे कांग्रेस ने निभाया। रामटेक जिले में तात्कालीन स्थानीय सांसद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के बाद मोहिते ने ही इतनी बड़ी फैक्ट्री लाने की हिमाकत दिखा सके.नरसिम्हा राव के ज़माने में रामटेक लोकसभा क्षेत्र में दर्जनों फैक्ट्री व किट्स कॉलेज शुरू हुए थे.

जब मोहिते लोकसभा चुनाव हार गए तो कांग्रेस ने उन्हें एमएलसी देनी चाही,लेकिन वे वक़्त पर मुंबई नहीं पहुँच पाए,मुंबई के आकाश में लटके रह गए.फिर दो दफे कांग्रेस ने रामटेक विधानसभा से उम्मीदवार बनाया,लेकिन तब भी उनकी दाल नहीं गली.फिर राज्य में प्रत्येक फेरबदल के बाद प्रदेश कार्यकारिणी में अहम् पद दिए.इस दौरान उन्होंने पार्टी को सार्वजानिक तौर पर एक कार्यकर्ता भी नहीं जोड़ कर दिए.आज मोहिते बिल्डर,लेबर सप्लायर,हॉटेलर न जाने क्या क्या है ? फिर भी कहते फिर रहे है कि कांग्रेस में उनका दम घुटता था.

बताया जाता है कि राजनीत में उनके आका/सलाहकार के सलाह से ही वे शिवसंग्राम प्रणित भारतीय संग्राम परिषद जैसी छोटी गुट में प्रवेश कर प्रदेश प्रमुख बने ताकि राजनीत में जब कभी पुनः अपने मनसूबे को पूरा करने का मौका मिले तो ज्यादा अड़चन न हो.गाठ दिनों पत्रपरिषद में उन्होंने बयां दिया कि सभी राजनैतिक पार्टियां कॉर्पोरेट हो गई है ,लेकिन यह जानकारी नहीं दी कि वे भी किसी कॉर्पोरेट सेलिब्रिटी से कम नहीं है.