Published On : Tue, Jun 8th, 2021

JBCCI में एंट्री के लिए तरसना पड़ रहा INTUC को

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– अब तक हुए 10 में 7 NCWA में दबदबा रहा,इंटक से आगे निकल गई एचएमएस

नागपुर : कोल इंडिया में वेतन समझौते को लेकर निर्णय करने वाली कमेटी जेबीसीसीआई में इंटक का दबदबा हुआ करता था। इधर, 5- 5 साल के अंतराल वाले नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI की तैयारी चल रही है। अब तक हुए 10 में 7 नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट के लिए गठित हुए जेबीसीसीआई में इंटक को 6- 6 स्लाॅट (3 नियमित और तीन वैकल्पिक) मिले थे। दूसरे वेतन समझौते में 2 और 5वें में 4- 4 स्लाॅट थे। जेबीसीसीआई- 10 में इंटक सहित एचएमएस और बीएमएस को 4- 4 स्लाॅट मिले थे। सीटू और एटक को तीन- तीन। बाद में जेबीसीसीआई- X से इंटक को उनके अंदरूनी गुटबाजी के कारण बाहर होना पड़ा था।

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अग्रणी INTUC पिछड़ी
कांग्रेस के श्रमिक संगठन इंटक में अहं की लड़ाई रही है।पिछले कुछ वर्षों से इंटक में 3-3 गुट तैयार हुए और खुद को असली व शेष को नकली सिद्ध करने हेतु न्यायालयीन लड़ाई लड़ रहे,मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से और इंटक की तरफ पार्टी का विशेष ध्यान न होने के कारण दिनोदिन इंटक देश में पिछड़ते जा रही. यही कारण है खासकर कोल सेक्टर में इंटक कई गुटों में बंट गई। फिर 2014 में केन्द्र की सत्ता में भाजपा नेे पैर जमाए। आरएसएस के श्रमिक संगठन बीएमएस और भाजपा भी नहीं चाहती थी कि कोल जैसे बड़े सेक्टर में इंटक मजबूत रहे। यह भी कारण था कि आपसी विवाद और गुटबाजी का नाम देकर इंटक को कोल इंडिया लिमिटेड की कई महत्वपूर्ण समितियों से बाहर रखा गया। हालांकि इंटक के बाहर होने में संगठन का आपसी मनमुटाव भी वजह रही है। इधर, कांग्रेस आलाकमान ने भी इंटक की गुटबाजी को दूर करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।

जेबीसीसीआई में इंटक की वापसी मुश्किल
हाल में सीआईल के श्रमिक संगठनों की सदस्यता का जो आंकड़ा सामने आया है, इसके अनुसार इंटक कोल सेक्टर में आज भी मजूबत है। सदस्यता के मामले में एचएमएस के बाद इंटक दूसरे नंबर पर है। जबकि बीएमएस की पोजीशन तीसरी है। बावजूद इसके इंटक की जेबीसीसीआई में एंट्री की राह कठिन दिख रही है। सीआईएल प्रबंधन ने इंटक के तीनों गुटों रेड्डी- तिवारी- ददई को पत्र भेजकर साफ कर दिया है कि बगैर सक्षम न्यायालय के फैसले, निर्देश के जेबीसीसीआई में स्थान मुश्किल है। तीनों गुटों ने जेबीसीसीआई के लिए दावा ठोकते हुए प्रतिनिधियों की सूची भेज रखी है।इंटक के आपसी मतभेद के कारण पिछले 5 वर्षों में इंटक समर्थक कोयला मजदुर काफी तीतर-बितर हुए,खासकर HMS की ओर ज्यादा रुख किए.नतीजा एचएमएस कोयला क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गई.खासकर WCL क्षेत्र में इंटक के रेड्डी गुट में कई फाड़ हो गए,यहाँ एचएमएस ने काफी बढ़त हासिल की.

NCWA 1 से 10 तक जेबीसीसीआई में किस यूनियन को कितने स्लाॅट:

1. इंटक-6, एटक-3, सीटू- 1
2. इंटक, एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक 2-2
3. इंटक- 6, एटक व सीटू 3-3, एचएमएस- 2, बीएमएस- 1
4. इंटक- 6, एटक व सीटू 3-3, एचएमएस- 2, बीएमएस- 1
5. इंटक- 4, एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस 2-2
6. इंटक- 6, एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस 3-3
7. इंटक- 6, एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस 3-3
8. इंटक- 6, एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस 3-3
9. इंटक- 6, एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस 3-3
10. एचएमएस, बीएमएस 4- 4, एटक, सीटू 3- 3 (इंटक को 4- 4 का स्लाॅट मिला, लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण इंटक को बाहर होना पड़ा)

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