नागपुर: भारतीय सेना ने उन मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स का सख्त खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया था कि एक नशे में धुत सेना का जवान नागपुर में अपनी कार से 30 लोगों को कुचल दिया।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में शीर्षक था — “नशे में धुत आर्मी अफसर ने नागपुर में 30 लोगों को कुचला, भीड़ ने पीटा” — जिसे सेना ने पूरी तरह झूठा और भ्रामक करार दिया है।
क्या है सच्चाई?
रक्षा प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन रत्नाकर सिंह द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार:
- यह घटना 3 अगस्त 2025 की शाम 6:30 बजे, नागपुर जिले के नागरधन (रामटेक) इलाके में हुई थी।
- हवलदार हर्ष पाल महादेव वाघमारे, जो वर्तमान में नॉर्थ ईस्ट में तैनात हैं और छुट्टी पर नागपुर आए थे, अपने रिश्तेदार से लौटते समय पार्किंग को लेकर कुछ स्थानीय लोगों से मामूली कहासुनी हो गई।
- इसके बाद चार लोगों ने उनका पीछा किया, और उनसे बचने की कोशिश में उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई।
- इस घटना के बाद, हवलदार को कार से खींचकर बेरहमी से पीटा गया और उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर नाले में फेंक दिया गया।
- घटना में कोई भी आम नागरिक घायल नहीं हुआ है, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था।
हमलावरों पर FIR दर्ज
हवलदार वाघमारे ने रामटेक पुलिस स्टेशन में 4 अगस्त को चारों हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), नागपुर द्वारा इन तथ्यों की पुष्टि की गई है।
झूठी खबरों से सेना की छवि को नुकसान
सेना ने मीडिया से आग्रह किया है कि बिना तथ्य जांचे इस प्रकार की सनसनीखेज और झूठी खबरें ना चलाएं, क्योंकि इससे न सिर्फ सेना की छवि को नुकसान होता है बल्कि समाज में अनावश्यक तनाव भी उत्पन्न होता है।
“यह घटना भारतीय सेना की छवि धूमिल करने का एक सुनियोजित प्रयास भी हो सकता है।”
सेना-पुलिस मिलकर कर रहे हैं कार्रवाई
स्थानीय सैन्य प्राधिकरण ने नागपुर पुलिस से संपर्क किया है और हवलदार को पूरी सहायता प्रदान की जा रही है।