Published On : Tue, Jun 16th, 2020

भारत-चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प, गलवान घाटी में भारत के एक अफसर-दो जवान शहीद

Advertisement

भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है. सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है. इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी.

भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं’.

Gold Rate
20 May 2025
Gold 24 KT 93,400/-
Gold 22 KT 86,900/-
Silver/Kg 95,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

लंबे वक्त से चल रही थी बातचीत की कोशिश
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर के पास तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था. चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे. चीन की ओर से यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था.

कुछ किमी. पीछे हट रही थीं सेनाएं
दोनों देशों की सेनाओं की ओर से लंबे वक्त से इस विवाद को खत्म करने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे थे. 6 जून के बाद से कई राउंड की बात चल रही थी, CO से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल लेवल तक के अफसरों के बीच बातचीत जारी थी. जिसके बाद तय हुआ था कि दोनों देशों की सेना कुछ किमी. तक पीछे हटी थीं. लेकिन जब ये प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई.

दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्थिति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लगातार बयान दिया था. राजनाथ सिंह की ओर से कहा गया था कि चीन के साथ सैन्य और डिप्लोमेट के लेवल पर बात की जा रही है, दोनों देश शांति चाहते हैं और देश का सम्मान झुकने नहीं दिया जाएगा.

भारत की ओर से लगातार मांग की जा रही थी कि चीनी सेना अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू करे. यानी अप्रैल से पहले जहां पर चीनी सेना थी, वहां पर वापस पहुंचे. चीन की ओर से LAC रेखा को अलग माना जाता है, लेकिन भारत LAC को अलग रेखा तक लेकर चलता है. इसी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद होता रहा है. लगभग 50 साल के बाद ऐसी स्थिति बनी है, जब LAC के पास भारत और चीन के बीच इस तरह की स्थिति पैदा हुई है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement