Published On : Mon, May 26th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

आयकर विभाग की परीक्षा में डमी कैंडिडेट मामला: पहले मिली जमानत, अब मिली गृह राज्य जाने की छूट

Advertisement

नागपुर: आयकर विभाग के स्टेनोग्राफर और मल्टी टास्किंग स्टाफ पदों की भर्ती प्रक्रिया में डमी उम्मीदवारों के जरिये परीक्षा दिलाने के गंभीर मामले में आरोपी आशीष यादव को अब कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पहले शर्तों के साथ मिली जमानत के बाद अब विशेष सीबीआई अदालत ने उसे बिहार स्थित अपने गृह राज्य जाने की अनुमति दे दी है।

मामला क्या है?
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की ओर से निकाली गई भर्ती प्रक्रिया में आशीष यादव सहित कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जांच में सामने आया कि इन उम्मीदवारों ने अपनी असली फोटो को इंटरसेप्ट कर डमी कैंडिडेट्स के जरिये परीक्षा दिलवाई थी। इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होने पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। जांच के बाद आरोपी आशीष को कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन शर्तों के तहत उसे राज्य छोड़ने की अनुमति नहीं थी।

Gold Rate
26 May 2025
Gold 24 KT 95,800/-
Gold 22 KT 89,100/-
Silver/Kg 98,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

कोर्ट का ताजा फैसला
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.पी. पोंक्षे ने मामले की सुनवाई करते हुए परिस्थितियों में आए बदलाव को देखते हुए शर्तों में ढील दी है। कोर्ट ने कहा कि:

याचिकाकर्ता पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत मामला दर्ज है।

सीबीआई जांच पूरी कर चुकी है और आरोप पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नागपुर की अदालत में दाखिल किया जा चुका है।

आशीष यादव को 14 दिसंबर 2024 तक निलंबित रखा गया था, लेकिन 9 दिसंबर को कार्यालय से जारी आदेश के बाद निलंबन रद्द किया गया और 15 दिसंबर 2024 को उन्होंने पुनः ड्यूटी ज्वाइन कर ली।

कोर्ट का आदेश
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जमानत आदेश में याचिकाकर्ता को बिना पूर्व अनुमति राज्य छोड़ने की मनाही थी। अब जबकि वह फिर से आयकर विभाग में सेवा में आ चुका है और उसका मूल निवास बिहार है, ऐसे में अपने जीवनसाथी से मिलने के लिए राज्य जाने की अनुमति देना उचित है।

कोर्ट ने यह राहत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं:

बिना पूर्व अनुमति देश नहीं छोड़ा जाएगा।

निर्धारित तारीखों को अदालत में उपस्थित रहना अनिवार्य रहेगा।

बिना उचित कारण के मामले में स्थगन (adjournment) की मांग नहीं की जाएगी।

इस प्रकार, आरोपी को अब अपने गृह राज्य जाने की अनुमति मिल गई है, लेकिन कोर्ट की शर्तों का पालन अनिवार्य रहेगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement