बुलढाणा। नगाडे और ढोल-ताशों की गूंजती आवाज, अगरबत्ती, धुप का सभी ओर फैला सुगंध, पटाखों की आतिशबाजी, चांदनी रात, बिछुओं की पर्वा न करते हुए जंगल से निकले संदल की राह में असंख्य भाविक खड़े थे. ऐसे मंगलमय और उत्साह पूर्ण वातावरण में लाखों भाविकों के उपस्थिति में चराग-ए-नक्शबंदीया हजरत हाजी अब्दुल रहेमान मुज्जर्द रहेमतुल्ला अलैह उर्फ सैलानी बाबा के सैलानी दर्गा के मजार-ए-शरीफ पर 11 मार्च की रात 11 बजे के करीब संदल चढाया गया.
राज्य के प्रसिद्ध सैलानी यात्रा को होली के त्यौहार से शुरुवात हुई. 11 मार्च को संदल का दिन होने से राज्य समेत दूसरे राज्यों के लाखों भाविक सैलानी के डेरे में दाखिल हुए थे. रात 11 बजे सैलानी बाबा के दर्गा के मजार-ए-शरिफ पर संदल चढ़ाया गया. रात 8 बजे के दरमियान सैलानी से उंटनि को पिंपलगाव सराई में संदल घर लाया गया. इस दौरान मुजावरों ने उंटनि पर चादर डालकर उसे हार-फुलों से सजाया. उंटनि के पीठ पर एक कटोरी रखी गई और उसमे चंदन का लेप मतलब संदल रखा गया. उसके बाद शे.रफीक शे.करीम, शे. हाशम शे.हाबीब, शे.चॉंद शे.हबीब, शे.नईम शे.नजीर, शे.कदीर शे.कासम, शे.असलम और शेरशीद इन मुजावरों के घर से संदल निकला. शुरुवात में बाबा के संदल घर में मुजावरों ने पुजा-अर्चना की. उसके बाद पिंपलगाव सराई गांव से उंटनि की रैली निकाली गई.
इस पवित्र घटना का साक्षीदार होने के लिए पिंपलगाव सराई में लाखो भाविकों की भीड़ जमा हुई थी. उसके बाद बाबा जिस मार्ग से सैलानी जाते थे, उसी मार्ग से उंटनि दर्गा की ओर से मार्गस्थ हुए. उंटनि के दर्शन लेने के लिए असंख्य भाविक संदल मार्ग पर बिच्छू काटने की पर्वा न करते हुए बैठे थे. चांदणी रात, सभी ओर भाविकों की बुनियाद, नगाडे और ढोलताशों का आवाज, अगरबत्ती, धुप का सभी ओर फैला सुगंध, पटाखों की आतिषबाजी, ऐसे उत्साहपुर्ण वातावरण में ये संदल निकाला गया. उंटनि के निचे से जाने से अनेक असाध्य बिमारिया ठीक होती है, ऐसी भाविकों की श्रध्दा होने से अनेक भाविकों ने उंटनि के निचे से जाने का प्रयास किया था. लेकिन अनुचित घटना न हो, इसलिए भाविकों का यह प्रयास पुलिस ने रोका. संदल रैली में अनेक मनोरुग्ण भाविक जमिनपर लेटकर जा रहे थे.
करीब तीन से चार घंटे ये रैली चली. पवित्र संदल दर्गा पर पहुंचते ही बाबा की सेवा करने वाले मुजावरों के हांथों ये संदल सैलानी बाबा के दर्गा पर चढ़ाया गया. संदल चढ़ते हुए असंख्य भाविकों ने श्रध्दापुर्वक सैलानी बाबा के दर्गा का दर्शन लेकर वापस निकले. संदल रैली के दौरान अनुचित घटना ना हो, इसलिए पुलिस प्रशासन की ओर से कड़ा बंदोबस्त लगाया गया था.