नागपुर: महीनों बाद मनपा परिवहन समिति की बैठक आज स्थाई समिति सभागृह में आयोजित की गई। जिसमें स्वार्थपूर्ति के लिए परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने समिति को गुमराह करने के लिए मनमाना विषय लाकर उसे मंजूरी दिलवाने की कोशिश की। वहीं दूसरी ओर आय-व्यय के आंकड़े की भी समिति को गलत जानकारी देने का प्रयास करते रंगे हाथ धरे गए। उक्त आरोप समिति के सदस्य व पूर्व स्थाई समिति सभापति प्रवीण भिसिकर ने लगाया। यह आरोप खुले तौर पर लगते ही जगताप बौखला गए और अपनी बात को सही साबित करने के लिए भिसिकर से उलझ गए।
उक्त घटनाक्रम को सार्वजानिक करते हुए भिसिकर ने जानकारी दी कि जगताप जानबूझकर परिवहन विभाग में दोहरी नीति कर मुट्ठीभर कर्मचारी व अधिकारियों को भिड़ा रहे हैं। वे खुद एसटी महामंडल से आए हैं और वहां से आए कर्मियों को बिना काम के मनमाना आर्थिक लाभ पहुंचा रहे हैं। दूसरी ओर मनपा द्वारा नियुक्त कर्मियों को कानून का झूठा आड़ लेकर परेशान कर रहे हैं।
भिसिकर के अनुसार आय-व्यय का भी गुमराह पूरी जानकारी समिति के समक्ष रखने का प्रयास किया। इतना ही कहना था कि जगताप आपा खो बैठे और कई प्रकार की दुहाई देकर उन्हें शांत करने की कोशिश करने का प्रयास करते दिखाई दिए।
मामले को बिगड़ता देख परिवहन सभापति बंटी कुकड़े ने जानकारी दी कि परिवहन व्यवस्थापक की गलती नहीं हैं, क्यूंकि वे मनपा में नए हैं, इसलिए उन्हें मनपा के कानून का ठीक से पता नहीं है। इस चक्कर में जगताप ने परिवहन विभाग के प्रशासकीय अधिकारी पागे को फटकर लगाई।
ज्ञात हो कि इसके पहले भी मीडिया ने एक के बाद एक पोल खोल अभियान शुरू किया तो व्यवस्थापक डिम्ट्स के कार्यालय पहुंच कर प्रोग्राम मैनेजर हितकरी के समक्ष आपा चुके हैं।
उल्लेखनीय यह है कि परिवहन व्यवस्थापक कई बार प्रशासन से गुजारिश कर चुके हैं कि उन्हें मूल विभाग लौटने की अनुमति दी जाए। लेकिन प्रशासन और सत्तापक्ष की अनकही मज़बूरी के चलते बरक़रार हैं।
भिसिकर के अनुभव के कारण जगताप की दाल तो गली नहीं साथ ही सभापति कुकड़े ने उन्हें 21 मार्च की बैठक में आर्थिक मामलों से सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर खुलासा देने का निर्णय दिया , इतना ही नहीं सभापति ने डिम्ट्स के हिमायती जगताप को डिम्ट्स के सभी ‘चेकर्स’ की पहचान परेड जल्द से जल्द करवाने का निर्देश दिया।
भिसिकर ने यह भी खुलासा किया कि तेजश्विनी बस को लेकर व्यवस्थापक का बयान गुमराह करनेवाला है, बसें मई के पहले सड़क पर नज़र नहीं आने वाली।