नागपुर: पेंच बाँध में अवैध रुप से मछली पकड़ने वालों की धरपकड़ करने एवं उनपर पर लगाम लगाने के उद्देश्य से वन विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन के बीच बैठक हुई, जिसमें साझा कार्रवाई करने का फैसला किया गया।
जानकारी के अनुसार पेंच डैम का 70 प्रतिशत हिस्सा मध्यप्रदेश में आता है। लेकिन मध्य प्रदेश की ओर से डैम में पहुंचने का रास्ता कठिन होने की वजह से अवैध रूप से मछलियां पकड़ने का काम महाराष्ट्र की सीमा में किया जाता है। बताया जाता है कि महाराष्ट्र सीमा में अवैध मच्छीमारों को बाजार भी तुरंत उपलब्ध हो जाता है, इसलिए यहाँ यह गोरखधंधा लंबे समय से जारी है।
वन विभाग के अधिकारियों को पूरा अंदेशा है कि नागपुर में बैठे बड़े व्यापारियों की देखरेख में ही यह सारा अवैध मछली पकड़ने का कारोबार चलता है और रामटेक, कामठी-कन्हान के मार्ग के जरिए नागपुर के मछली बाजार तक माल पहुँचाया जाता है।क्योंकि वन कर्मचारियों की संख्या सीमित है, लिहाजा इन अवैध मच्छीमारों को रोकने पर वन कर्मचारियों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। एक अधिकारी ने बताया कि मछली पकड़ने वालों द्वारा पत्थर फैंके जाने, गोफन घुमा के पत्थरों से हमले किये जाने से कई वन कर्मचारी घायल हो चुके हैं। वन विभाग को यकीन है कि अवैध मछली कारोबारियों की गैंग पुलिस से डरती है लिहाजा पुलिस की मदद मांगी जा रही है। गौरतलब है कि रिजर्व फॉरेस्ट होने के कारण डैम में मछलियां पकड़ना अवैध है।
इस बैठक में पेंच टाइगर रिजर्व के अधिकारी, रामटेक के आरएफओ व अन्य अधिकारियों समेत ग्रामीण पुलिस विभाग के अधिकारियों का समावेश था।