Published On : Wed, Nov 26th, 2014

कोराडी : ​​अवैध व्यापारियों का कामठी कृउबास पर कब्जा

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  • रास्ते पर लगा रहे हैं अपनी दुकान
  • अध्यक्ष-सचिव की अनदेखी
  • सब्जी अडत्या वेलफेयर एसोसिएशन का आरोप

कोराडी (नागपुर)। कामठी कृषि उत्पन्न बाजार समिति परिसर में सभी अधिकृत दलालों को दुकानें आवंटित की गई हैं, परंतु कई अनधिकृत व्यापारी ऐसे जमे हुए हैं जिनके पास समिति की परमिट नहीं है, बावजूद इसके परिसर के भीतर रास्तों पर अपनी दुकानें लगाकर किसानों से कम कीमत में माल लेकर ज्यादा कीमत लोगों से वसूल कर गोरखधंधा कर रहे हैं. यह आरोप कामठी भाजपा तालुका उपाध्यक्ष सुनील वानखेड़े व सब्जी अडत्या वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद जुलकर नैन राईन ने लगाया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कामठी तालुका के ग्रामीण भागों से किसान माल बैल गाड़ी अथवा 407 से कृषि उत्पन्न बाजार समिति लाते हैं. बिना परमिट वाले अवैध दलाल सड़क पर दुकान लगाकर परमिटधारक किसानों का रास्ता रोक लेते हैं और उनसे माल खरीदकर ज्यादा दर पर बेचने का काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, माल खरीदने की कोई रसीद नहीं दी जाती है. कम कीमत में माल खरीद कर ज्यादा भाव में माल बेचने से किसानों को संकट में डाल रहे हैं. इससे शासन को मार्केट शुल्क व सेस नहीं मिल रहा है. इसलिए अधिकृत अड़तिया तथा लाइसेंसधारी दलालों के व्यापार व प्रशासन को नुकसान हो रहा है. इस प्रकरण में सब्जी अड़तिया एसोसिएशन, कामठी के सभापति, उपसभापति, सचिव कृउबास कामठी को 20 नवम्बर को निवेदन दिया गया किंतु इस संबंध में अध्यक्ष व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. इसलिए लाइसेंसधारी व्यापारियों में इस मामले में तीव्र असंतोष व्याप्त है. उन्होंने तत्काल कार्रवाई नहीं किए जाने से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. बता दें कि नागपुर कृउबास के विभाजन कर कामठी, सावनेर, मौदा में बांटा गया है. किसानों की सुविधा के लिए व करीब में ही सस्ते दर पर माल सभी को मिले इस उद्देश्य से विधायक बावनकुले व भाजपा नेताओं ने इसकी लड़ाइयां लड़ी और कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया. फलत: यह साकार हो सका, किंतु कामठी सब्जी मार्केट व समिति किसानों की राह में यह गतिरोध पैदा कर रहा है. उक्त आरोप लगाते हुए सुनील वानखेड़े, उपाध्यक्ष भाजपा कामठी तालुका, अडत्या बाजार एसो. के मो राईन, मो. सलीम गफ्फार, मुस्ताक अहमद, धर्माजी बेहार, शेख मोहसीन बब्बू, नंदेश्वर भस्मे, पंजाबराव फुलझेले, शकील अहमद, फारूख हसन, प्रमोद फुलझेले, राजेश रावेकर, नीलकंठ महादुले, जुल्फेकार शेख, आसीन राईन ने इसका पुरजोर विरोध किया है.

Krushi Uttpann bajar samiti

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