Published On : Sat, Nov 11th, 2017

अवैध तबेले : स्वच्छ नागपुर, सुंदर नागपुर और स्मार्ट सिटी के नियोजन में धब्बा

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नागपुर: एक तरफ केंद्र सरकार से लेकर नागपुर मनपा तक स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने का क्रम लगातार करती आ रही है. तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य सरकार घड़ी-घड़ी नागपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर झकझोरते रहती है, लेकिन विडंबना यह हैं कि २५ लाख की जनसंख्या वाले नागपुर शहर को अनगिनत तबेलों ने बुरी तरह जकड़ रखा है. इन तबेलों वालों की एकता के आगे सत्ताधारी व विपक्ष की संयुक्त एकता भी फीकी पड़ती दिखाई दे रही है. इन अवैध तबेलों की वजह से तरह-तरह के संकटों का सामना आम नागरिकों को सहना पड़ रहा है. सरकार व संबंधित प्रशासन की चुप्पी से स्वच्छ नागपुर, सुंदर नागपुर और स्मार्ट सिटी के नियोजन का सपना अधूरा रहने की संभावना को नाकारा नहीं जा सकता. संघर्षरत स्थानीय युवकों की मांग सिर्फ इतनी है कि नागरिकों के स्वास्थ्य के मद्देनज़र यह तबेला स्थानांतरित हो.

स्वच्छ भारत की दशा-दिशा का प्रत्यक्ष मुआयना अभियान की शुरुआत करते हुए ‘नागपुर टुडे’ प्रभाग क्रमांक १० पहुंचा. इस प्रभाग अंतर्गत मानकापुर पोस्ट ऑफिस के पीछे किराड लेआउट की परिस्थिति देख दंग रह गए. हज़ारों फुट खाली पड़े जमीन पर अवैध तबेला फल-फूल रहा था.

इस संबंध में हमें किराड लेआउट परिसर में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं नितिन कनोजिया, रामसिंह बघेल,राजू शाहू, राजू पाली, रजत पाली, नविन तिवारी, श्रीकांत तिवारी, आशा पठान, राधेश्याम जैस्वाल, भोला प्रसाद सेंधिया,ननिलेश बनिया, दिनेश बेले, अमित सेंधिया आदि ने जानकारी दी कि इस लेआउट की स्थापना ५० वर्ष पूर्व हुई थी. इसी लेआउट मालिक की १२५०० वर्ग फुट खाली जगह पर पिछले २० वर्ष से अधिक समय से समीप रहने वाले श्रीराम नरेश उर्फ़ छोटेलाल यादव,रामाश्रय उर्फ़ मुन्ना यादव व रामसुमेर सुंदरलाल यादव लगभग १२० गाय-भैंस से लैस अवैध तबेला का संचलन कर रहा है.

इलाके की मुख्य समस्या
इस अवैध तबेला से आसपास रहने वाले करीब ३०० नागरिक, इस परिसर से आवाजाही करने वाले राहगीर, पास की मकबूल मस्जिद के अनुयायी त्रस्त हैं. अवैध तबेले के जानवरों से सुबह-शाम सड़कों पर आवाजाही प्रभावित होने के साथ ही साथ सड़कों पर गंदगी नित दिन बनी रहती है. सुबह-शाम या कभी दिन-दोपहर पशु खुले छोड़ दिए गए तो आसपास के रहवासियों के वाहनों को नुकसान भी पहुंचाती रहती है. अवैध तबेले सह आसपास के खाली प्लॉटों पर गंदगी के साथ जमा मल-मूत्र से जीव-जंतु पनप रहे हैं. इससे तरह-तरह की बीमारियों ने क्षेत्र को जकड़ रखा है. रहवासियों में से २ निकट के अस्पताल में भर्ती भी हैं. इस गंदगी परिसर में डेंगू व मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस लेआउट की सीवर लाइन भी इसके कारण जाम हो गई है.

सफाई अभियान चलाई स्थानीय युवकों ने
उक्त लेआउट की सड़कों और खुले प्लॉटों पर फैले मल-मूत्र का संकलन कर उसे एक जगह एकत्रित किया गया। अवैध तबेले के पशुओं द्वारा किए गए गड्ढे को बुझाया और फिर कचरा संकलन करनेवाली कम्पनी कनक रिसोर्सेज़ की मदद से लगभग ६ ट्रक गंदगी उठवाई. इस मामले में कांग्रेस की नगरसेविका द्वय साक्षी राऊत व उइके ने सहयोग किया।


दिल्ली से गल्ली तक लगाई गुहार

उक्त कार्यकर्ताओं ने २३ जुलाई २०१७ से लेकर ९ नवम्बर २०१७ तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय,राज्य के मुख्यमंत्री, पेयजल व सेनेटरी मंत्रालय, निदेशक-स्वच्छ भारत अभियान,मनपायुक्त, महापौर,विपक्ष नेता,नासुप्र के उत्तर नागपुर विभागीय अधिकारी,वार्ड अधिकारी मंगलवारी ज़ोन, मनपा स्वास्थ्य अधिकारी, मंगलवारी जोन स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा पशु चिकित्सक, जिला दुग्ध व्यवसाय विकास अधिकारी, जिला पशु अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, मानकापुर पुलिस निरीक्षक सहित प्रभाग क्रमांक १० के सभी चारों नगरसेवकों को पत्र लिख अवैध तबेले से मुक्ति दिलाने गुहार लगाई गई लेकिन कोई असर ना हुआ.

किसने क्या किया व कहा…
– वार्ड अधिकारी हरीश राऊत ने कहा कि तबेले को हटाना हमारा काम नहीं,पुलिस के पास जाएं।
– मानकापुर थाना के एपीआई पाटिल से मिले, पर उन्होंने अनसुना कर लौटा दिया।
– महापौर जिचकार ने आश्वासन देकर रवाना किया।
– मनपायुक्त ने वार्ड अधिकारी को जांच के आदेश दिए.
– मनपा अतिरिक्त आयुक्त ने जिला दुग्ध व्यवसाय अधिकारी को पत्र लिख उचित कार्रवाई करने संबंधि सम्बन्धी पत्र लिखे।
-मनपा पशुचिकित्सक ने दो बार मानकापुर थाने को पत्र लिख कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की.
– मनपा कांजी हाऊस विभाग प्रमुख को ३-४ पत्र लिखे लेकिन हर बार टाल गए.
– विधायक सुधाकर देशमुख ने मनपा पशुचिकित्सक को पत्र लिखा.

इसके अलावा प्रभाग के सभी चारों नगरसेवकों ने इस समस्या निवारण में सहयोग नहीं दिया।


जमीन मालिक सकते में

अवैध तबेला जिसकी जमीन पर है, उसका मालिक लेआउट के संचालक का रिश्तेदार है. यह अवैध तबेला १२५०० वर्ग फुट पर फैला हुआ है. इसमें २५००-२५०० के ५ प्लॉट हैं, जो बिकाऊ नहीं हैं. उक्त प्लाट के मालिक जीतेन्द्र हरोडे अवैध तबेले को हटाने में रुचि कम और उसे आज के बाजार भाव में बेचने के लिए भिड़े हैं. लेकिन खरीदार इस जमीन पर तबेले व गंदगी देखकर भाग खड़े होते हैं या फिर आधे दाम में प्लाट खरीदना चाहते हैं. इस चक्कर में न गंदगी हट पा रही है और न समस्या सुलझ रही.