Published On : Sat, Nov 11th, 2017

3 महीने में केवल 100 विद्यार्थियों की समस्या का ही हुआ समाधान

Nagpur University
नागपुर:
विद्यार्थियों को परेशानी न हो और उन्हें छोटे छोटे शिक्षा से जुड़े कामों के लिए परीक्षा भवन के चक्कर न लगाने पड़े, इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर परीक्षा भवन में विद्यार्थियों की समस्या जल्द से जल्द सुलझाने के लिए विद्यार्थी सुविधा केंद्र (स्टूडेंट फैसिलिटेशन सेंटर ) की शुरुआत की गई थी. इसकी शुरुआत करीब 3 महीने पहले हुई थी, लेकिन अब तक केवल 100 विद्यार्थियों की समस्याओं का ही इस सेंटर में समाधान हो पाया है. जबकि 26 विद्यार्थियों की शिकायत अब भी पेंडिंग है.

नागपुर यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया था कि विद्यार्थियों के विभिन्न कार्य जैसे लेट रिजल्ट, पुनर्मूल्यांकन विषयक जानकारी के सभी काम, वॉटिंग की जानकारी, डिग्री और रिजल्ट में नामों की दुरुस्ती साथ ही आचार्य स्नातक संदर्भ संदर्ब का ऑनलाइन स्टेटस सभी काम एक ही स्थान पर होंगे. इस तरह का आश्वासन भी नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु द्वारा दिया गया था. इसके लिए विद्यार्थियों को टोकन देने की बात भी कही गई थी, जो नहीं दी गई. विद्यार्थी सुविधा केंद्र में अपना शिक्षा से संबंधित कार्य करने आनेवाले विद्यार्थियों को 8 दिन के बाद बुलाया जा रहा है और उनका काम पूरा होने पर उन्हें एसएमएस भी किया जा रहा. यानी विद्यार्थियों को फिर विभाग के चक्कर लगवाने पड़ रहे हैं. विद्यार्थी सुविधा केंद्र में भी लेटलतीफी हो रही है.

परीक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी और बाबुओं के उदासीन रवैय्ये के चलते ही विद्यार्थी सुविधा केंद्र की शुरुआत की गई है. इसको शुरू करने के बाद बड़े बड़े दावे भी किए गए थे. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. इस विभाग की बात करें तो अपने शिक्षा से संबंधित डाक्यूमेंट्स के लिए एक ही दिन में यहां 100 के करीब विद्यार्थी आतें हैं. 100 के हिसाब से 3 महीने में यहां आनेवाले विद्यार्थियों की संख्या हजारों में होगी. लेकिन केवल 100 विद्यार्थियों को इस सुविधा केंद्र का लाभ हुआ है.

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इस बारे में विभाग नियंत्रक डॉ. नीरज खटी से बात की गई तो बताया कि कल ही प्रो-वीसी के साथ विद्यार्थी सुविधा केंद्र के अधिकारियों और सुपरिटेंडेंट के साथ बैठक हुई है और प्रो-वीसी ने सभी अधिकारियों को फटकार लगाई और विद्यार्थियों के काम जल्द से जल्द करने की बात कही है. उन्होंने बताया कि अगस्त महीने में इसकी शुरुआत हुई थी. लेकिन सही तरीके से इसकी शुरुआत सितम्बर महीने से हुई थी. उन्होंने बताया कि अब तक 100 से 200 विद्यार्थियों का शिक्षा से संबंधित डाक्यूमेंट्स का निपटारा किया चुका है. जबकि 26 विद्यार्थियों का काम वेटिंग पर है. उन्हें टोकन नहीं दिया जा रहा है, उन्हें 8 दिनों के बाद बुलाया जा रहा है और उनका काम होने पर उन्हें एसएमएस किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कॉलेज की तरफ से भी कभी कभी गलतियां होती हैं, जिसके कारण उनसे भी संबंधित विद्यार्थी के बारे में जानकारी ली जाती है और इस कारण ही समय लग जाता है.

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