नागपुर: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू ) और भारतीय शिक्षा मंडल ने संयुक्त रूप से ” भारत बोध ” पर एक सहयोगी व्याख्यान श्रृंखला शुरू की है. ”भारत बोध” का अगला व्याख्यान गडचिरोली जैसे एक आतंरिक आदिवासी क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. 29 सितम्बर 2017 को गडचिरोली के कलेकटर कार्यालय के जिला नियोजन समिति सभागृह में यह आयोजित किया जा रहा है. जिसमें मुकुल कानेटकर, प्रो. रवींद्र कुमार और अमरकंटक के इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टी.वी. कट्टीमनी मौजूद विद्यार्थियों और लोगों को संबोधित करेंगे. इस व्याख्यान में भारतीय संस्कृति की जानकारी दी जाएगी. 23 फरवरी 2017 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इग्नू नई दिल्ली में भारत बोध पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत हमेशा ज्ञान और खोज के गोदाम के रूप में पहचाना गया था.
29 अगस्त 2017 को नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले व्यख्यान के उद्घाटन के समय कहा था कि भारत की शिक्षा प्रणाली ऐसी बन गई है कि हम भारत की संस्कृति को भूलते जा रहे हैं और दुनिया के बाकी हिस्सों को याद करने पर जोर दे रहे हैं. भारत और उसके गौरवशाली अतीत को समझना आवश्यक है. हमें अपने देश की असली पहचान जानना चाहिए.