मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत प्रवेश पाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रवेश पारदर्शिता से हो इसलिए स्वयंसेवी संस्थाओं का समिति में समावेश है लेकिन अधिकारी वर्ग नियमों को ठेंगा बताते हुए अपने ही अधीन काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को वेरीफिकेशन कमिटी का हिस्सा बनाते और अपनी मर्ज़ी से नामचीन स्कूलों के प्रवेशों को नियमों की अनदेखी कर प्रवेश करते ।
इसकी शिकायत मो शाहिद शरीफ़ चेयरमैन आरटिइ एक्शन कमिटी इन्हें प्राप्त होते ही इनके द्वारा फ़ाइल इंस्पेक्शन के तहत अनेक मामले सामने आए जिसमें प्रमुखता से आवेदन क्रमांक:22NG006898 हरगुडे नीलेश इस बालक के आवेदन में दिया गया पता उसके द्वारा रहवासी दस्तावेज़ में अंकित नहीं था और उसने मात्र बैंक पासबुक दी थी यह आवेदन पहली सूची में 7- 4 -2022 को ऑनलाइन जारी किया गया था लेकिन कमेटी के अध्यक्ष सुशील बोनसोड द्वारा पालक से अनियमित दस्तावेज़ तैयार कराए गए जिसका सुबूत यह है कि 12-4-22 को रजिस्टर रेंट एग्रीमेंट बना व कर प्रवेश करवाया नियम कहता है कि रेंट एग्रीमेंट आवेदन के गुरु का होना चाहिए। इस मामले की शिकायत शिक्षण अधिकारी प्राथमिक को १/२/२३ को की गई और साथ ही जाली दस्तावेजों की जाँच कराने के लिए भी उनको पत्र दिया गया था लेकिन उनके द्वारा आज तक कोई कार्रवाई की नही गई इसका कारण यह है कि शिक्षण विभाग की अनियमतऔ पर अधिकारी ख़ुद पर्दा डाल रहे हैं । ऐसे में पालकों को मुफ़्त शिक्षा के अधिकार प्रवेश प्रक्रिया में कितना विश्वास रहेंगा ।