नागपुर: शिवसेना प्रमुख (ठाकरे गुट) उद्धव ठाकरे द्वारा गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग को लेकर उपराजधानी एवं राज्य में राजनीति गरमा गई है। फडणवीस भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गए हैं और उन्होंने उद्धव ठाकरे की आलोचना की है। ढाई साल के दौरान घर में काम करने वालों को हमें राजनीति नहीं सिखानी चाहिए। हम शांत किस्म के व्यक्ति हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम बात नहीं कर सकते। अगर हम मुंह खोलेंगे तो वे भाग जाएंगे, उन्होंने ठाकरे को चेतावनी देते हुए कहा है। फडणवीस मंगलवार को नागपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।
ढाई साल तक उनके विफल प्रशासन को देखने के बाद पूरा महाराष्ट्र जानता है कि बेहतर प्रशासक कौन है। जिन लोगों ने दो-दो मंत्रियों के जेल जाने के बाद भी इस्तीफा देने का साहस नहीं दिखाया, उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है। फडणवीस ने पूछा कि जिन लोगों ने पुलिस के ज़रिए जबरन वसूली की है क्या उन्हें बोलने का अधिकार है।
जब से मैं राज्य का गृह मंत्री हूं, कई लोगों को परेशानी हो रही है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझे गृह मंत्री का पद छोड़ने के लिए कौन सा तरीका अपनाना है। मैं किसी भी हालत में यह पद नहीं छोड़ूंगा। मैं एकनाथ शिंदे की सरकार में गृह मंत्री हूं और जो गलत करेगा उसे जेल ही होगी। हमारी सरकार किसी भी घटना की निष्पक्ष जांच करेगी। लेकिन किसी को भी इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी ने गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मैं नागपुरकर हूं, ठाकरे से भी निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग कर सकता हूं
उनके बयान का उत्तर देने का कोई कारण नहीं है। वे प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाकर निर्वाचित हुए और फिर कुर्सी के लिए दौड़ पड़े। हर कोई जानता है कि असली फड़ूस कौन है। मैं नागपुर से हूँ। मैं उनकी बोली जाने वाली भाषा से भी निम्न स्तर की भाषा समझता हूं। लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगा। यह मेरे बोलने का तरीका नहीं है। फडणवीस ने यह भी कहा कि जनता उन्हें इसका जवाब देगी। चाणक्य ने कहा था कि जब राज्य में चोर, डाकू, लुटेरे या दुराचारी राजा के खिलाफ बोलें तो समझ लेना चाहिए कि राजा ने सही काम शुरू किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैं कोई राजा नहीं हूं, लेकिन चाणक्य ने जो कहा वह अब राज्य में सच होता दिखाई दे रहा है।