– शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमारी पार्टी हिंदुत्व समर्थक है और इस विधारधारा को हमेशा समर्थन देगी। हम अपने मूल कार्यसूची से पीछे नहीं हट रहे हैं। लेकिन राम मंदिर और आर्टिकल 370 जैसे दो हमारे मुख्य मुद्दों का पहले ही समाधान हो चुका है।
मुंबई: महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक ‘सीएमपी’ पर सहमत हो गए हैं। इस CMP से शिवसेना की सियासत का आधार रहे हिंदुत्व के मुद्दे को बाहर कर दिया गया है। CMP के अंदर मुख्यतया किसानों के मुद्दे पर फोकस किया गया है। शिवसेना राम मंदिर, आर्टिकल 370 तथा समान नागरिक संहिता पर कांग्रेस और एनसीपी से चर्चा करेगी।
तीनों पक्ष के शीर्षथ्य की मुलाकात
हिंदुत्व और शिवसेना के राम मंदिर, आर्टिकल 370 तथा समान नागरिक संहिता पर दृष्टिकोण पर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि अभी ‘सीएमपी’ में किसानों के मुद्दे को प्रमुखता दी गई है। माना जा रहा है कि शनिवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता बेमौसम की बारिश के बाद किसानों की समस्याओं को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेंगे।
40 मुद्दों का ‘सीएमपी’
शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच मैराथन चर्चा के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है, उसमें 40 मुद्दों को समाहित किया गया हैं। इसमें तीनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को तरजीह दी गई है। इस मसले पर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात से मुलाकात की। इसके बाद दोपहर दो बजे एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने सीएमपी पर चर्चा की। शाम पांच बजे कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने एक साथ बैठक करते हुए सीएमपी को अंतिम रूप दिया।
सरकार गठन कुछ इस तरह
सूत्रों का कहना है कि सरकार गठन के फॉर्म्युले के तहत शिवसेना कोटे से 16 , एनसीपी कोटे से 14 और कांग्रेस कोटे से 12 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जा सकता है, वहीं उपाध्यक्ष शिवसेना के हिस्से में जा सकती है।
विधान परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद क्रमशः एनसीपी और शिवसेना के खाते में जा सकता है। ऐसी अटकलें हैं कि सीएम का पद शिवसेना को देने के साथ ही एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से एक-एक उपमुख्यमंत्री ढाई-ढाई साल के लिए बनाए जा सकते हैं। बड़ी ऐलान की संभावनाओं को ध्यान में रख कर शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को 17 नवंबर को मुंबई में मौजूद रहने के लिए कहा है।