पारडसिंगा जि प सदस्य चंद्रशेखर कोल्हे ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन,विधायक तथा गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सर्वेक्षण के निर्देश
काटोल- 14-15जुलाई के रात मुसलाधार बारिश के चलते जाम नदी में आयी बाढ़ से जागगढ क्षेत्र के किसानों के खरिफ फसलों का भारी नुकसान हुआ है। खास तौर से कोटा संभाग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
फसलों के नुकसान का आकलन करवाने के लिए स्थानिय विधायक तथा गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा प्रशासन को जांच के निर्देश दे वहीं पारडसिंगा जि प सर्कल के सदस्य चंद्रशेखर कोल्हे ने पारडसिंगा सर्कल के मुर्ती, भोरगढ कोल्हू अपनी तथा अन्य गांव के किसानों को 15 जुलाई के मुसलाधार बारिश से हुये खरीफ फसलों के नुकसान के मुआवजे की मांग का काटाेल तहसील कार्यालय में कोव्हिड 19 विषय पर दौरे करने पहुंचे उस समय ज्ञापन जिलाधिकारी रविन्द्र ठाकरे को सौंपा गया जिसमें उपविभागिय अधिकारी श्रीकांत उंबरकर तहसीलदार अजय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शहर अध्यक्ष गणेश चन्ने, शब्बीर शेख, अजय लाडसे, अमित काकडे, प्रविण गोतमारे, रूपेश नाखले, पंकज मानकर,, संदिप ठाकरे आदी उपस्थित थे
किसानों पर दोहरी मार
स्थानिय किसानों ने इस वर्ष सोयाबीन तथा कपास की खेती को तहरिज दी। परन्तु इस वर्ष सोयाबीन के नामी कंपनियों तथा शासन अधिकृत महाबीज के सोयाबीन बीज में बोने के बाद 70प्रतिशत किसानों के सोयाबीन के बीज अंकुरित नही हुये । इस पर भी शासन द्वारा कृषी विभाग के जांच दल द्वारा सर्हे किया गाया । संबधित किसानों के तुरंत बीज उपल्ब्ध कराने के आदेश कृषी मंत्री ने दिये , पर बीज मिलने में होती देरी के चलते किसानों ने खुद ही दुबारा बीज खरिद कर बुआई की ।
परन्तु पुन्हाः जामगढ क्षेत्र के किसानों को 14-15जुलाई की रात मुसलाधार बारिश के चलते यहां के जाम नदी में आयी बाढ से स्थानिय किसानों के सोयाबीन तथा कपास के फसलों की 70-75प्रतिशत की भारी क्षती पहुंची है। बताया जाता है की काटोल तथा नरखेड तहसील के किसानों के खरिफ फसलों की भारी क्षती हुई है , इस लिये बाढ से स्थानिय किसानों के नष्ट हुये फसलों के पंचनामा कर मुआवजे की मांग की है। काटोल नरखेड तहसीलों मे 14-15जुलाई के मुसलाधार बारिश के चलते यहां के किसानों के खरिफ फसलों के नुकसान का ज्ञापन जि प सदस्य चंद्रशेखर कोल्हे, समीर उमप, सलिल देशमुख, ने कृषी मंत्री को सौपा है। स्थानीय विधायक तथा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आपदा प्रबंधन व्यवस्थापन अधिकारी को फसलों के नुकसान के जायजा लेने के निर्देश दिये है।