Published On : Sat, Apr 3rd, 2021

सीताफल की पत्तियों के खाने से दूर होते है ह्रदय रोग-मधुमेह व त्वचा संबंधी बीमारियां

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हमारे यहाँ भारत वर्ष के प्रत्येक गांव-कसवा-देहातों मे सीताफल नामक पौधा बहुतायात मे पाया जा सकता है,आयुर्वेद ग्रन्थों के अनुसार सीताफल कापौधा दिव्य गुणों से परिपूर्ण है इसे उत्तम औषधी माना गया है।शरीफा या सीताफल (कस्टर्ड ऐपल) सर्दियों के मौसम (अगस्त से अक्टूबर) में मिलने वाला औषधीय फल है। क्‍या आप सीताफल की पत्तियों के फायदे जानते हैं? सीताफल की पत्तियों का उपयोग प्राचीन समय से ही औषधी के रूप में किया जा रहा है। इसके पत्ते का इस्‍तेमाल आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में घरेलू उपाय के तौर पर कर सकते हैं।

क्‍योंकि सीताफल के पत्ते के फायदे हृदय स्‍वास्‍थ्‍य, मधुमेह, त्‍वचा रोग और बालों सहित अन्‍य कई बीमारियों के लिए होते हैं। कस्‍टर्ड एप्‍पल लीफ का उपयोग उनके त्‍वरित उपचार क्षमता और औषधीय गुण के कारण किया जाता है। शरीफा की पत्ती से लाभ प्राप्‍त करने के लिए आप इसे सीधे ही त्‍वचा में लगा सकते हैं। इसकी पत्तियों को उबालना और इनका सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार के रूप में सीताफल के पत्ते इस्‍तेमाल किये जा सकते हैं। सीताफल के पत्तों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ये पत्तियां हमारे शरीर में चीनी के अवशोषण को धीमा करने में सहायक होती हैं। जिससे वे रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। फाइबर धीरे-धीरे पचता है, जिसके कारण यह आपके रक्‍त शर्करा के स्‍तर में अचानक स्‍पाइक्स का कारण नहीं बनता है।

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जो नेत्र रोग विशेषज्ञ हैरान हैं! तीन महीने सुवहःशाम सीताफल की 10-12 कोमल पत्तीयां चबाकर खाने से दृष्टि में 89% तक ठीक कर देता है: इस प्रकार सीताफल के पत्तों के फायदे आपके पाचन तंत्र को भी स्‍वस्‍थ रखने में मदद करते हैं। मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आप शरीफा की 2-3 पत्तियों को पानी में उबाल सकते हैं। इस मिश्रण को सुबह खाली पेट पी सकते हैं। ऐसा करने पर रक्‍त शर्करा के स्‍तर को संतुलित करने में मदद मिल सकती है।

जिन लोगों को हृदय संबंधी रोग हैं वे सीताफल की पत्ती का उपयोग आयुर्वेदिक औषधी के रूप में कर सकते हैं। क्‍योंकि सीताफल के पत्तों में मौजूद पोषक तत्‍वों में पोटेशियम और मैग्नीशियम अच्‍छी मात्रा में होते हैं। ये घटक हृदय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं। नियमित रूप से सीताफल की पत्तियों के उपयोग से स्‍ट्रोक और हृदय रोगों की संभावना को कम किया जा सकता है।

जानकारों के अनुसार सीताफल के पत्तों का इस्‍तेमाल शारीरिक क्षमता और शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। क्‍योंकि इन औषधीय पत्तों में बहुत से पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ होते हैं जिनकी आवश्‍यकता हमारे शरीर को होती है। शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए आधा कप पानी में 2 से 3 सीताफल के पत्तों को उबालें और चाय के रूप में इसका सेवन करें। यह हर्बल चाय आपके चयापचय दर और ऊर्जा के स्‍तर को बनाए रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा सीताफल की पत्ति की चाय पीने से शरीर में मौजूद विषाक्‍तता को दूर करने में भी मदद मिलती है। बशर्ते किसी अनुभव कुशल आयुर्वेद विशेषज्ञ य नाडी वैध-राजवैध की सलाह पर की किसी भी जंगली वनस्पति जंगली जडी बूटियों का नैसर्गिक नियमों का पालन करते हुए उसका उपयोग किया जाना चाहिए। इसके लिये किसी भी अनजान व अंधविश्वास से प्रेरित बैगा-भुमका और नीम-हकीम से सदैव सावधान रहने की आवश्यकता है.

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