नागपुर: मनपा प्रशासन अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारते हुए शहर बस परिवहन का संचलन खुद कर रही है. लेकिन जब से मनपा ने बस सेवा का संचालन शुरू किया तब से मनपा के खजाने को करोड़ों में घाटा हो चुका है. आज मनपा की इतनी आर्थिक स्थिति खराब है कि वे नियमित बस ऑपरेटर को भुगतान नहीं कर पा रही है. बावजूद इसके ग्रीन बस मुफ्त में एक विशेष खेल के संगठन को उनके द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने आए खिलाड़ियों को आवाजाही के लिए दिया जाना समझ से परे है.
मनपा की आर्थिक जर्जर हालत के कारण बस संचालकों को मासिक भुगतान के लिए एस्क्रो एकाउंट खोलने में आनाकानी कर रही. संचालकों का मनपा पर मार्च से जून तक का भुगतान बकाया है.
ग्रीन बस तो शुरू से ही घाटे पर चल रही है, जिसे चलाने के लिए शहर के एक भाजपा मंत्री की जिद्द बतलाई जा रही. इन्हीं के जिद्द के कारण उक्त खेल संगठन को मुफ्त में आधा दर्जन बस दे दी जाती है.
इसके पूर्व भी मनपा ने यह प्रचार कर उन्हें बस दिया था कि उनके बस का प्रचार प्रसार हो रहा है.विडंबना यह है कि कड़की में भी मनपा को चुना लगाने में सत्तापक्ष कोई मौका नहीं छोड़ रही.