नागपुर: कोयला लदी मालगाड़ियों को Priority पर चलाने का आदेश मिलते ही स्पीड भी बढ़ाई गई है। भारत में कोयले से चलने वाले कुल 135 पावर प्लांट्स में से आधे से ज्यादा के पास महज 2 से 4 दिनों का ही कोल स्टॉक बचा है. देश में 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयला आधारित पावर प्लांट्स से होता है. त्योहारी सीजन शुरू है, बिजली की डिमांड बढ़ी है.
इसीलिये कोयला लदी मालगाड़ियों को Priority पर चलाने का आदेश, स्पीड भी बढ़ाई गई भारतीय रेलवे ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों (Power Crisis) के ठप होने की आशंका के बीच अपनी कमर कस ली है. कोयला लदी मालगाड़ियों (Coal Laden Goods Trains) को प्राथमिकता पर चलाया जा रहा है. वाराणसी के रास्ते ऊंचाहार और टांडा थर्मल पावर प्लांट जाने वाले कोल रैक को बिना किसी ठहराव के निकाला जा रहा है. इस पूरे परिचालन की निगरानी रेलवे बोर्ड स्तर पर की जा रही है. प्रत्येक चार घंटे में रिपोर्ट बनाकर हेड क्वार्टर को अवगत कराया जा रहा है.
भारत में कोल आधारित कुल 135 प्लांट्स हैं
भारत में कोयले से चलने वाले कुल 135 पावर प्लांट्स (Thermal Power Plants) में से आधे से ज्यादा के पास महज 2 से 4 दिनों का ही कोल स्टॉक बचा है. देश में 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयला आधारित पावर प्लांट्स से होता है. त्योहारी सीजन शुरू है, बिजली की डिमांड बढ़ी है. औद्योगिक और घरेलू बिजली खपत दोनों पीक लेवल पर हैं. ऐसे में कोल स्टॉक न होने से देश के सामने बिजली का अभूतपर्व संकट खड़ा हो गया है.
इस बाबत रेलवे मुख्यालय के निर्देशानुसार दिल्ली,कोलकाता, बिलासपुर, नागपुर,मुबई मंडल रेलवे मुख्यालय ने परिचालन विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है.आपको बता दें कि कोयले की कमी के चलते देश के कई राज्यों में बिजली उत्पादन का संकट गहरा गया है. उत्तर प्रदेश सहित मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन इकाईयों पर भी इसका असर पड़ा है. संभावित संकट से बचने के लिए रेलवे प्रशासन ने कोयला लदी मालगाड़ियों को बिना रोके निर्धारित स्थान पर पहुंचाने का निर्णय लिया है.
कोयला लदी मालगाड़ियों की गति बढ़ाई गई है।
थर्मल पावल प्लांट तक समय पर कोयले की खेप पहुंचाई जा सके इसके लिए मालगाड़ियों की गति बढ़ाई गई है. बॉब-आर और बाॅक्सन (मालगाड़ी के प्रकार) के लोडेड वैगन को 70 से 75 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा है. वहीं, एमटी (खाली) रैक को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ाया जा रहा है. इस पूरे अभियान की समीक्षा के लिए वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधकों के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है.
ऊंचाहार और टांडा थर्मल पावर प्लांट (Unchahar Thermal Power Plant) में कोयले की आपूर्ति धनबाद (झारखंड) के खदानों से की जाती है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वाराणसी सेक्शन से औसतन 20 से 25 रैक निकाले जाते हैं, इनकी संख्या में बढ़ोतरी की गई है. मौजूदा हालात को देखते हुए डाउन लाइन से प्रतिदिन 30-32 रैक और अप लाइन से प्रतिदिन 25-27 रैक निकाले जा रहे हैं.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने रविवार को अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कोयले की कमी से निपटने के लिए इंतजामों पर चर्चा की गई.मंत्री आर के सिंह ने कहा कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का 4 दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है. कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया. सच है कि पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है, लेकिन 4 दिन का स्टॉक है. यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है. हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है, हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं।बताते है कि कोल इंडिया लिमिटेड की सातों अनुसंगिक कंपनियों की कोयला खदानो से आवश्यकतानुसार कोयला आपूर्ति के लिए ठोस पहल की जा रही है।