90 किलोमीटर का पड़ाव 12 घंटे में करना होता है पूरा , 11 घंटे 39 मिनट में लगाई दौड़
गोंदिया। गोंदिया शहर में रामनगर इलाके के रहने वाले युवक ने दुनिया की सबसे लंबी और सबसे पुरानी कामरेडस मैराथन पूरी कर उपलब्धि हासिल की है।
इस कामरेड मैराथन का ( डाउन रन ) दक्षिण अफ्रीका के पीटरमेरिट बर्ग और डरबन शहर को जोड़ने वाले 90 किलोमीटर के रास्ते पर 28 अगस्त को आयोजित किया गया था जिसमें महाराष्ट्र से बिंदेश सिंह सहित कल्याण रनर्स ग्रुप के डॉ. मिलिंद ढ़ाले , दिलीप घाड़गे इन 3 धावकों ने दौड़कर नज़ीर पेश की।
इस स्पर्धा में विश्व के 16000 टॉप धावकों ने हिस्सा लिया था जिसमें गोंदिया शहर के बिंदेश सिंह शामिल हुए थे।
यह उतार-चढ़ाव भरी 90 किलोमीटर (लगभग 56 मील) की कामरेड मैराथन की दूरी 12 घंटे से पहले पूरी करनी होती है।
इस मैराथन में रास्ते में पड़ने वाली छोटी बड़ी पहाड़ियों को पार करना एक चुनौती भरा काम होता है
लेकिन महाराष्ट्र के इन 3 धावकों ने 90 किलोमीटर की दूरी बिना रुके- बिना थके 11 घंटे 39 मिनट में पूरी कर उपलब्धि हासिल की है ।
इस मैराथन में उनके प्रशिक्षक रहे सतीश गुजरान ने बिंदेश सिंह के उम्दा प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
बता दें कि पेशे से इंजीनियर बिंदेश सिंह ढाकरवार यह 39 वर्ष के हैं तथा रेलवे में बतौर सूचना प्रणली प्रोजेक्ट का कार्यभार संभाल रहे है।
विशेष उल्लेखनीय है कि अधिकतर मैराथन दौड़ 42.2 किमी (26 मिल की करीब) होती है परंतु दक्षिण अफ्रीका में होने वाली कॉमरेड मैराथन दुनिया की सबसे लंबी, 100 साल पुरानी मैराथन है जो डरबन और पीटर मेरिट बर्ग शहरों को जोड़ने वाले रास्ते के बीच 90 किमी (56 मील) दौड़ी जाती है।
दक्षिण अफ्रीका में होने वाली इस मैराथन में भाग लेने के लिए प्रतियोगी को 42.2 किलोमीटर लंबी मैराथन 4 घंटे 50 मिनट में पूरी करने का प्रमाण देना आवश्यक होता है।
बिंदेश सिंह ने दृढ़ता, संघर्ष व आत्मसंयमता से 65 किलोमीटर मैराथन की प्रेक्टिस लवासा, लोनावला, सिल्वासा, दुधनी और मुंबई में की तथा इस मैराथन में हिस्सा लेने का उन्हौने गौरव प्राप्त किया।
रवि आर्य