लखीमपुर खीरी हिंसा मुद्दे पर बंद के जरिए किसानों की सहानुभूति हासिल करने की सियासत
गोंदिया। जनवरी 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। गोंदिया जिले में भी जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर परिषद के चुनावों की सरगर्मी तेज हो चली है। ऐसे में बीजेपी को घेरने के लिए महाराष्ट्र की लोकशाही आघाड़ी सरकार के घटक दल मिलकर साझा रणनीति तैयार करने की योजना बना रहे हैं । कांग्रेस , शिवसेना , राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसी पार्टियों को लंबे समय बाद बीजेपी को घेरने तथा खुद की सियासी जमीन तैयार करने का बड़ा मौका हाथ लगा है कमोबेश इसी का नतीजा है कि सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को विपक्ष तूल देने में जुट गया है इस घटना को लेकर आघाड़ी सरकार भी मोदी संग योगी पर हमलावर है।
गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष से 3 विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन में शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी , आप , भाकपा किसानों के साथ खड़ी है लेकिन इन राजनीतिक दलों को अभी तक सियासी जगह नहीं मिल पाई थी ऐसे में लखीमपुर खीरी हिंसा , ईंधन मूल्य वृद्धि , बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सोमवार 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया गया है।
त्रिशंकु सरकार में शामिल तीनों दल चाहते हैं कि बीजेपी की छवि किसान विरोधी दल के रूप में पेश की जाए और बंद के जरिए पूरे महाराष्ट्र में संदेश पहुंचा कर किसानों की सहानुभूति हासिल की जाए।
रैली को देख दुकानदारों ने एहतियातन शटर गिराए
स्थानीय निकाय चुनावों से पहले लोकशाही आघाड़ी सरकार के हाथ बड़ा मुद्दा लग गया है। लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में शिवसेना, कांग्रेस ,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा बुलाए गए बंद का असर गोंदिया में आंशिक रूप से देखा गया । शहर मैं सुबह 10 बजे तक जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा ।
सब्जी बाजार , औद्योगिक इकाइयां और शिक्षण संस्थाएं कई जगह खुले देखे गए , हालांकि बंद समर्थकों ने दुकानों बाजारों को बंद करने का अनुरोध करते नजर आए । सुबह 10:30 बजे बंद समर्थक दलों के कार्यकर्ताओं की पैदल रैली निकलने की खबर मिली तो रैली मार्ग के दुकानदारों ने एहतियातन दुकान का शटर गिरा दिया। बंद के दौरान सुबह 11:30 बजे तक ज्यादातर दुकानें और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी आधे अधूरे बंद रहे लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हालात पर नजर रखने के लिए जिला पुलिस प्रशासन द्वारा शहर के बाजार और प्रमुख मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
गांधी प्रतिमा एवं आंबेडकर चौक पर किया प्रदर्शन
लखीमपुर खीरी हिंसा का यह कृत्य किसानों में भय का वातावरण बनाने और दहशत फैलाने के इरादे से किया गया। इसलिए घटना के जिम्मेदार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने तथा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके अभियुक्त बेटे आशीष मिश्रा पर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र राज्य महा विकास आघाड़ी सरकार के घटक दल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने गांधी प्रतिमा पर आयोजित सभा में अपना व्यक्तित्व रखते कहा लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी विपक्षी दलों ने साथ मिलकर काम करना चाहिए ऐसा आव्हान किया गया ।
इस अवसर पर जिलाधिकारी और उप विभागीय अधिकारी के मार्फत महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन्हें ज्ञापन प्रेषित करते कहा गया- आंदोलनकारी किसानों पर पिछले 11 माह से भाजपा सरकार अत्याचार कर रही है इस पर रोक लगाना जरूरी है।
ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेंद्र जैन , देवेंद्र नाथ चौबे , अशोक सहारे , कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक गप्पू गुप्ता , डॉ. एन डी किरसान , पी.जी कटरे , जहीरभाई अहमद , उषाताई मेंढे , शिवसेना जिला सह संपर्क प्रमुख मुकेश शिवहरे , जिला प्रमुख पंकज यादव , उप जिला प्रमुख सुनील लांजेवार आदि का समावेश था।
रवि आर्य