लोकसभा से दूर करने वाले लोगों ने सोचा अपन ने प्रफुल पटेल को घर भेज दिया ?
गोंदिया। नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद व राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल का अपने गृह जिले गोंदिया में निर्वाचन पश्चात पहली बार 11 जून शनिवार को पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
आयोजित सत्कार समारोह को संबोधित करते प्रफुल्ल पटेल ने कहा-पिछले 32 वर्षों से मुझे गोंदिया भंडारा जिले का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है यह मेरे लिए गौरव की बात है।
प्रेम और आशीर्वाद की वजह से मुझे इन ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिला है और मुझे विश्वास है कि आगे आने वाले 6 वर्षों में इसमें और अच्छे विकास काम मेरे माध्यम से और मेरी पोजीशन के माध्यम से हम जरूर प्राप्त करेंगें , लोगों के लिए हम काम करते हैं तो लोगों को भी यह एहसास रहता है कि हमारे सुख-दुख में कौन खड़ा है ? हमारे लिए अच्छा कौन सोचता है।
मैं और आप हमारा एक नाता यह परिवार का नाता है इसलिए आपको और हमें एक पार्टनरशिप के तौर पर विकास के पथ पर आगे बढ़ना है।
जीवन का जो दौर में अनुभव कर रहा हूं उसमें सबसे बड़ी बात जो मैं अपने आप में स्मरण रखता हूं वो ये कि मेरे आगे कोई एमएलए बन जाए , एमपी बन जाए , मंत्री बन जाए लेकिन गोंदिया और भंडारा जिले का सबसे ज्यादा दायित्व ( जिम्मेदारी ) मेरे कंधों पर है यह बात मैं हमेशा अपने मन में रखता हूं।
मैंने 42 वोट ही लिया था , 43 वां वोट किसका निकला वो अभी तक मुझे मालूम नहीं ?
प्रफुल्ल पटेल ने मंच पर बैठे निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल से मुखातिब होते हुए कहा- मुझे विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे ने वोट दिया , राजू कारेमोरे ने वोट दिया तुमने तो वोट भी नहीं दिया , पर मैंने वोट मांगा नहीं ?
अब वह तुम्हारे विवेक पर होना चाहिए था कि मेरे को वोट देना, कि नहीं देना ?
कई लोगों को लगता है कि किसी को 48 वोट मिले, किसी को 44 , किसी को 43 , तो किसी को 41मिले ।
यह राज्यसभा के चुनाव में ऐसा कुछ नहीं होता, मिले कुछ नहीं होता ?
पार्टी बैठकर तय करती है , हमारी एनसीपी के पास 53 वोट हैं चाहूं तो वह पूरे 53 वोट मैं भी ले सकता हूं मगर हमने गठबंधन में बैठकर तय किया था कि 42 वोट जीत के लिए काफी है और बाकी के वोट जो हमारे मित्र दल है उनको दो ताकि उनको भी जीतने के लिए मदद हो इस तरह से वोटों का बंटवारा होता है।
लेकिन एक बात में जरूर कहूंगा विनोद , मनोहर , राजू तुम तीनों यहां बैठे हो मैंने 42 वोट ही लिया था , 43 वां वोट किसका निकला वह अभी तक मुझे मालूम नहीं ? अब तू जवाब देते रहे लोगों को ? और मैं भी बोलता हूं कि 43 वां वोट विनोद अग्रवाल का नहीं था ?
लोकसभा चुनावों में हुई हार का छलका दर्द
प्रफुल्ल पटेल ने कहा- यह जो राज्यसभा चुनाव होते हैं वह पार्टी में जो एक व्यक्ति काम करता है उनको राजनीतिक जीवन से दूर नहीं करने के लिए राज्यसभा के रास्ते उच्च सदन में भेजने का एक माध्यम है।
अब आप लोगों ने लोकसभा से दूर कर दिया , अब हंसते सभी है लेकिन वोट देने के टाइम पर भूल जाते हैं।
4 बार दिया और जब नहीं दिया तो लोगों को लगा प्रफुल्ल भाई को अपन ने घर भेज दिया ? तो उनके लिए मेरा एक ही जवाब है कि वो तो मेरे हाथ की लकीरों में ही लिखा है कि यहीं ( राज्यसभा ) में ही रहूंगा , यह आपके (जनता ) के हाथ में नहीं है कि मुझे खींच ले ?
ओर यह पूरी पुण्याई जो है वो मनोहरभाई पटेल के घर में मेरा जन्म हुआ उसकी है , मुझे राजनीति विरासत में मिली जिसे मैंने आगे बढ़ाया।
मेरा एड्रेस , मुक्कम पोस्ट गोंदिया ही रहेगा ?
नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा- मुझे खुशी होती है मैं रहता मुंबई में , दिल्ली में हूं और स्वाभाविक है गोंदिया तो आता ही रहता हूं लेकिन ज्यादा वक्त बाहर जाता है अलबत्ता हम कहीं भी रहें आखिर प्रफुल्ल पटेल का नाम, एड्रेस प्रफुल्ल पटेल बगीचा , रामनगर मुकाम पोस्ट गोंदिया ही रहेगा ? यह तो नहीं बदलने वाला है।
आज अगर मेरे किसी के साथ संबंध है वह चाहे राजनीति में हों ,उद्योग में हों या किसी भी क्षेत्र में हों तो उसका फायदा प्रफुल पटेल को नहीं होता उसका फायदा कहीं ना कहीं आपको होता है गोंदिया भंडारा जिले की जनता को होता है ।
केवल में अपने उद्गार यही व्यक्त करना चाहता था- मैं और आप , हमारा एक नाता यह परिवार का नाता है और हमारे जिले के विकास के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।
रवि आर्य