झूठी शिकायत के आधार पर 5 मजदूरों के खिलाफ डकैती का जुर्म दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया
गोंदिया । वर्दी की धौंस दिखाकर , पद का नाजायज फायदा उठाते हुए अपनी करतूतों से समूचे पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाला वीडियो सामने आया है। वाक्या शहर के जय स्तंभ चौक निकट स्थित गुरुनानक गेट का बताया जाता है जहां गोलू पोहा वाले की दुकान के सामने एक सादी वर्दीधारी पुलिस वाला गंदी और अश्लील गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देता , एक गरीब मजदूर की बेदम पिटाई करता नज़र आ रहा है।
दरअसल वाक्या कुछ यूं है कि ?
यादव चौक पानी टंकी निकट रहनेवाले एक हमाल की मृत्यु होने पर उसके अंत्येष्टि में 30 दिसंबर को झोपड़ी मोहल्ले और सतनामी नगर के लोग शामिल हुए। मोक्षधाम से सुबह 11:30 बजे के आसपास वापस आते हुए 15 वर्षीय नाबालिग और अन्य तीन- चार लोगो को आलू पोहा खाने की सूझी और वे नाश्ता करने गुरु नानक गेट समीप पोहा सेंटर पर पहुंच गए ।
इसी दौरान 15 वर्षीय बच्चे का बाजू में बैठे एक शराब पिये व्यक्ति को धक्का लगा जिससे उसके हाथ से मोबाइल गिर गया इस पर वह भड़क गया और उसने तू मेरा मोबाइल चुराने का प्रयत्न कर रहा है ? यह कहते बच्चे से मारपीट शुरू कर दी , जबकि उसका मोबाइल उसके हाथ में था।
इस दौरान सामने पेट्रोल पंप पर ईंधन भरा रहे दिनेश श्याम बंजारे ने यह नजारा देखा तो वह फसाद छुड़ाने और दोनों को समझाने गया।
इस पर शराब के नशे में टून्न व्यक्ति ने अपने पुलिसकर्मी भाई को फोन लगाकर उसे मौके पर आने को कहा वह 1- 2 परिचितों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा आते ही गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देते हुए दिनेश से बेदम मारपीट शुरू कर दी , भीड़ में मौजूद लोग कहते दिखे जाने दो , छोड़ो ? लेकिन उस पुलिसकर्मी ने पिटाई जारी रखी , इस मार पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है ।
रूक मैं तुम्हें अपना पुलिस पावर दिखाता हूं यह कहते उस पुलिसकर्मी ने सिटी थाने से गाड़ी बुलवा ली , और नाबालिक बच्चे सहित पांच अन्य को जबरन गाड़ी में बिठा कर थाने लाया गया और उन पर जो घटना घटी ही नहीं वह फर्जी केस , धारा 395 , 323 , 506 504 के तहत दर्ज कर लिया गया। जबकि मारपीट में हाथ फैक्चर होने पर गंभीर जख्मी मजदूर दिनेश की ओर से फरियादी सुशीला श्याम बंजारे ने मामला दर्ज कराना चाहा तो सिटी पुलिस ने 3 जनवरी को परमेश्वर नागपुरे व एक अन्य के विरुद्ध 323 ,506 का मामला एनसी मैटर में दर्ज किया है।
तथा गिरफ्तार नाबालिक को बच्चे को छोड़कर अन्य पांच आरोपी दिनेश बंजारे , सुरेंद्र कोसरे , योगेश उर्फ भूपेश्वर चंदनिया , निलेश कुर्रे , सतीश चतुरबितान पर संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें भंडारा जेल सोमवार को रवाना कर दिया गया , जहां एक सप्ताह बाद भी ये जेल में बंद है।
इतना ही नहीं धारा 395 के तहत पुलिस ने इन मजदूरों परिवारों के घरों में दबिश देकर तलाशी ली लेकिन पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा।
दोषियों पर हो कार्रवाई , न्याय नहीं मिला तो एसपी ऑफिस के सामने अन्न त्याग आंदोलन करेंगे ?
8 जनवरी शनिवार को सतनामी नगर के जैतखाम भवन प्रांगण में आयोजित पत्र परिषद में जानकारी देते पीड़ित मजदूर परिवार की महिला सदस्यों ने कहा- पुलिस से न्याय की उम्मीद रहती है , लेकिन जब पुलिस ही वर्दी का रौब दिखाकर गरीब मजदूरों पर अन्याय करने लगे तो हम किसके पास जाएं न्याय मांगने और गिड़गिड़ाने ? जो घटना घटी ही नहीं पुलिस ने उसका जुर्म दर्ज किया है , अपने ओहदे का नाजायज फायदा उठाकर , वर्दी का रौब दिखाते हुए एक पुलिसकर्मी ने झूठा मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने बढ़ा चढ़ाकर ना सिर्फ डकैती जैसा मामला दर्ज किया बल्कि 5 घरों की तलाशी लेने भी पहुंच गई।
जो जेल में बंद हैं वह सब घर के कमाऊ मुखिया हैं और अब हमारे घरों का चूल्हा भी नहीं जल रहा है , बच्चे भूखे हैं , बच्चों का पेट भरने के लिए अब झूठे बर्तन मांजने लोगों के घरों में जाना पड़ रहा है। हमारी जिला पुलिस अधीक्षक से यही मांग है कि वे समूचे प्रकरण की जांच कराएं तथा सच को सामने लाएं। हमें न्याय नहीं मिला तो हम सभी बच्चों के साथ एसपी आफिस और जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अन्न त्याग आंदोलन करेंगे।
आयोजित पत्र परिषद में साक्षी दिनेश वंजारे ,लक्ष्मी कोसरे , सुलोचना विष्णु चंदनिया , सुशीला श्याम बंजारे , रीना कोसरे , पारो कुर्रे , कुंवरबाई कोसरे , चांदनी महिलांग , दुलारी राजकुमार चतुरबितान आदि उपस्थित थे।
-रवि आर्य