अध्यात्मिक प्रवचन में बोले संतश्री- जहां विश्वास सच्चा है वहां कोई मुश्किल नहीं आती
गोंदिया: पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के विनम्र अनुरोध पर गुजरात के विख्यात संत साईं शहरावारा जी इनका गोंदिया शहर में प्रथम नगर आगमन हुआ इस अवसर पर झूलेलाल द्वार ( सिंधी कॉलोनी) यहां उनका पुष्प वर्षा करते हुए भव्य स्वागत किया गया तत्पश्चात पूज्य श्री सचखंड दरबार को उन्होंने औपचारिक भेंट दी इस मौके पर बाबा अमरदास उदासी , सचखंड सेवा समिति व जागृति महिला मंडल ने उनका स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया।
शंका निवारण एवं दर्शन का मुख्य कार्यक्रम सिंधी मनिहारी धर्मशाला में शाम 4 से 6 बजे तक आयोजित किया गया इस अवसर पर बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने शीष झुकाकर साईं शहरावारा जी का उमंग उत्साह के साथ आशीर्वाद प्राप्त किया।
बहराणा साहेब का रथ सिंधी मनिहारी धर्मशाला से नगर भ्रमण हेतु निकला जो सिंधी स्कूल प्रांगण में पहुंचा यहां आयोजित आध्यात्मिक सत्संग में साईं शहरावारा जी ने अपने उद्बोधन में कहा- संस्कृति से जीवन की पूर्णता का बोध होता है ओर सिंधु संस्कृति समूचे विश्व को आकर्षित करती है।
त्याग, सम्मान, संयम अध्यात्म यह हमारी संस्कृति की पहचान रहे हैं लेकिन हमारी संस्कृति सिर्फ पुस्तकों और कहानियों में कहीं गुम होती जा रही है।
युवा वर्ग का अपने सांस्कृतिक मूल्यों से लगाव कम होने के पीछे एकल परिवारों का न होना भी महत्वपूर्ण कारण है।
बच्चों को उच्च शिक्षा मिले इस उद्देश्य से उनका दाखिला अंग्रेजी स्कूलों में कराया जाता है जिससे रहन- सहन तो पूरी तरह बदल ही चुका है।
इष्ट देव साईं झूलेलाल जी की ज्योति प्रज्वलित कर हर शुभ कार्य प्रारंभ होता था हम आज उस सिंधी सभ्यता और संस्कृति को भूल गए हैं ।
साईं शहरावारा जी ने कहा-
जहां विश्वास सच्चा है वहां कोई मुश्किल नहीं आती इसलिए संतो के दिखाए गए मार्ग पर चलें , वरुण देव झूलेलालजी साईं के छंडे ( आशीर्वाद ) के बिना छुटकारा नहीं है। माता-पिता , सास-ससुर और अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को अपनी सिंधी संस्कृति और तीज त्योहारों से भी अवगत कराएं ताकि युवा पीढ़ी को सही दिशा मिल सके।
किसी भी शुभ कार्य में मीठा चावल (ताहिरी- सेसा) जैसे पारंपरिक व्यंजनों को उचित स्थान दें इससे समाज में एकता, मिठास और प्यार बढ़ेगा । परिवार एक हैं तो समाज सदा एक रहेगा।
सत्संग के उपरांत इष्ट देव साईं झूलेलाल जी की महा आरती की गई जिसमें सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष नारायण चंदवानी सहित पंचायत के सभी पदाधिकारी और गणमान्यों ने हिस्सा लिया।
सत्संग आरती पश्चात लंगर ( महाप्रसाद ) का आयोजन किया गया।
रवि आर्य