Published On : Mon, Jun 21st, 2021

गोंदिया: नर्सों के काम बंद हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

12 मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन, 25 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल

गोंदिया। गत मार्च 2020 से कोरोना के संकट काल में राज्य की सभी परिचारिकाएं अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात मरीजों की सेवा कर रही है।

Gold Rate
18 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,09,900 /-
Gold 22 KT ₹ 1,02,200 /-
Silver/Kg ₹ 1,26,500/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में सभी विभागों के कर्मचारी घर पर बैठे थे लेकिन नर्से अपने परिवार व बच्चों से दूर रहकर अपना कर्तव्य निभा रही थी, बावजूद इसके उनकी ओर राज्य शासन द्वारा दुर्लक्ष किया जा रहा है।

गौरतलब है कि, गत वर्ष सितबंर माह में अपनी अनेक जायज़ मांगों को लेकर नर्सों ने आंदोलन किया था लेकिन अब तक सरकार ने उनकी मांगों के संदर्भ में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, लिहाजा अब महाराष्ट्र राज्य नर्सेस एसोसिएशन के बैनर तले राज्य की नर्से आंदोलन पर उतारू है।

दी गई कॉल के तहत आज 21 जून सोमवार को महाराष्ट्र राज्य परिचारिका संगठना गोंदिया शाखा ने आंदोलन में सहभागी होकर सुबह 8 से 10 बजे तक 2 घंटे का कामबंद आंदोलन किया, यह आंदोलन कल 22 जून को भी किया जाएगा। साथ ही 23 व 24 जून को पूर्णकालिक कामबंद आंदोलन होगा , इस दौरान मांगपूर्ति न होने पर 25 जून से अनिश्‍चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

राज्य की नर्से अपने कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर बार-बार सरकार के साथ पत्राचार कर रही है तथा 1 सितबंर 2020 से 7 सितंबर 2020 के दौरान संगठना की ओर से आंदोलन भी किया गया था लेकिन तब कोरोना संकट को देखते हुए संचालक द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गई बैठक में आश्‍वस्त किए जाने के बाद कोरोना महामारी को देखते हुए मानवता के दृष्टिकोण से आंदोलन स्थगित किया गया। आज 9 माह का समय बीत चुका है लेकिन शासन ने नर्सों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया है।

परिचारिकाओं के रिक्त पदों पर हो भर्ती , शत-प्रतिशत हो पदोन्नति
राज्य में गत अनेक वर्षों में परिचारिकाओं के सभी स्तर पर पद रिक्त हुए है। वर्तमान कोरोना काल में टेंडर और ठेका पद्धति पर इन पदों पर अस्थायी रूप से व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि नर्सों के पद खाली है इसलिए उनकी डियुटी वरिष्ठ नर्सों को दी जाती है, वास्तविक में मरीजों की देखभाल के लिए जनशक्ति बेहद कम है।
राज्य में मरीजों और डॉक्टरों का उचित संतुलन बनाए रखने के लिए नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे है , इसके साथ ही नर्सों की संख्या बढ़ाना बेहद जरूरी है इसलिए सभी स्तरों पर शतप्रतिशत पदोन्नती व पदभर्ती अत्यंत अनिवार्य है लेकिन सरकार ने 50 प्रतिशत रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी है एैसे में कोरोना की दुसरी लहर और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए रिक्तियों को वरिष्ठता के अनुसार सभी स्तरों पर पदोन्नती द्वारा स्थाई रूप से भरा जाना चाहिए।

7200 रूपए प्रतिमाह भत्ता स्वीकृत हो
कोरोना महामारी में नर्से अपनी जान की बाजी लगा रही है तथा कई नर्से इससे प्रभावित भी हुई है, कुछ की तो जान भी चली गई है इसलिए केंद्र सरकार के तर्ज पर सभी नर्सों को नियमित रूप से 7200 रूपये प्रतिमाह भत्ता स्वीकृत किया जाना चाहिए, साथ ही अन्य भतों को भी लागू किया जाना चाहिए। कोविड-19 के मुद्देनजर सरकार ने नर्सो के साप्ताहिक अवकाश पर रोक लगा दी थी इसे भी शुरू किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त नर्सो का पदनाम बदला जाए, कोरोना काल में अवकाश के निलंबन के कारण निरस्त हुए 300 से अधिक अवकाश को पुनः उपयोग करने की अनुमति दी जाए, 7 वें वेतन आयोग की बकाया किश्तें और महंगाई भत्ते का भूगतान किया जाए सहित कुल 12 मांगों को लेकर यह राज्यव्यापी आंदोलन किया जा रहा है।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement